जीवन में सुकून, शांति और खुशी की प्राप्ति के लिए ब्रह्मज्ञान होना बहुत जरूरी: एचएस चावला

जीवन में सुकून, शांति और खुशी की प्राप्ति के लिए ब्रह्मज्ञान होना बहुत जरूरी: एचएस चावला

आज की भाग दौड़ वाली जिंदगी में हर मनुष्य सुकून, शांति व खुशी की प्राप्ति करना चाहता है। परंतु यह प्रभु परमात्मा की जानकारी के बाद ही संभव है। ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके ही जीवन सुखमय हो सकता है।

यह उदगार संत निरंकारी मिशन के मेंबर इंचार्ज श्री एच.एस. चावला जी ने डेराबस्सी में आयोजित एक विशाल संत समागम के दौरान रखे।

डेराबस्सी के इलावा लालड़ू, रायपुराणी, समगोली, बरवाला, ज़ीरक़पुर, पंचकूला, चंडीगढ़, मोहाली व रोपड़ तथा आस पास से अनेकों श्रद्धालुओं ने सतसंग में पहुंच कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

उन्होंने कहा कि निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज आज प्रत्येक मानव को प्रभु की पहचान करने के लिए संदेश दे रही हैं तथा जिज्ञासुओं को प्रभु परमात्मा के दर्शन भी करवा रही हैं।

मिशन द्वारा यही आवाज दी जा रही है कि प्रभु परमात्मा का ज्ञान प्राप्त करके अपने जीवन को सही मायने में सुखमय बनाया जा सकता है।
जैसे कहा भी गया है कि जहां संत बैठते हैं वहां बसंत आ जाती है।

ऐसे शुभ मौके सतगुरु माता जी की कृपा से ही प्राप्त होते हैं। प्रभु परमात्मा की भक्ति के बिना जीवन नीरस है। जीवन से नीरसता केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही दूर की जा सकती है।

उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि कपास के खेत में से निकलने वाला इंसान कपड़े नहीं पहन सकता, कपास से कपड़े बनवाने का एक तरीक़ा है।

इसी प्रकार प्रभु का केवल नाम लेने से प्राप्ति नहीं होती उसके लिए ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। उसके बाद प्रभु का यशोगान करने में ही असली आनंद प्राप्त होता है।

उन्होंने बाबा गुरबचन सिंह जी के विचारों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार सूई किसी और के हाथ में हो और धागा किसी और के हाथ में हो तो वह सिलाई नहीं कर सकता।

इसी तरह एक ईश्वर को जानकर, मानकर व ईश्वर के हो जाने से ही जीवन खुशहाल बन सकता है। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने सभी से प्यार करने व किसी से नफरत नहीं करने का जो संदेश दिया था उसे केवल बोलों में नहीं रखना, वो हमारे किरदार में झलकना चाहिए।

चंडीगढ़ जोन के ज़ोनल इंचार्ज श्री ओ.पी. निरंकारी जी व डेराबस्सी की संयोजक बहन गुरचरण कौर जी ने सभी विभागों द्वारा दिए अनुकरणीय सहयोग के लिए धन्यवाद व अभिवादन किया।

ओपी निरंकारी ने कहा कि बेशक हम सभी साधनों से सुसज्जित हों, लेकिन जब तक प्रभु परमात्मा को नहीं जाना है, तब तक हमारा सब कुछ व्यर्थ है। संयोजक बहन गुरचरण कौर जी ने कहा कि निरंकारी मिशन का यही संदेश है: ‘सारा संसार, एक परिवार’।