हरियाणा के मंत्री ने पराली जलाने की घटनाओं को लेकर पंजाब सरकार की आलोचना की, आप ने किया पलटवार

 हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर राज्य में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की शनिवार को अलोचना की, जिसपर आम आदमी पार्टी (आप) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

दलाल ने ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में पंजाब और हरियाणा में पिछले तीन दिनों में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं के आंकड़े साझा किए। दलाल ने कहा, ‘हमने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान से पानी मांगा था, पराली जलाने से निकलने वाला धुआं नहीं।’

हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में एक, दो और तीन नवंबर को खेतों में पराली जलाने की क्रमशः 1,921, 1,668 और 1,551 घटनाएं देखी गईं, जबकि इन्हीं तीन दिनों में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं क्रमशः 99, 48 और 28 थी। दलाल के बयान पर पलटवार करते हुए आप ने उनपर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

आप की पंजाब इकाई के प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा, ‘देश के 52 सबसे प्रदूषित जिलों में से 20 जिले हरियाणा में हैं और इसके बावजूद भी (मनोहर लाल) खट्टर सरकार राजनीति कर रही और पंजाब को जिम्मेदार ठहरा रही है।’

उन्होंने कहा कि मान सरकार ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को उपकरण मुहैया कराए हैं। गर्ग ने हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘खट्टर सरकार ने क्या किया…केवल राजनीति की।’

राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर और नवंबर में वायु प्रदूषण में अत्यधिक वृद्धि होने की एक मुख्य वजह पंजाब एवं हरियाणा में धान की पराली जलाये जाने को माना जाता है।

किसानों को धान की कटाई के बाद जल्द ही गेहूं की बुआई करनी होती है, इसलिए वे धान की फसल के अवशेषों (पराली) को हटाने के लिए अपने खेतों में ही उन्हें जला देते हैं।

हरियाणा के कई हिस्सों में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब के कुछ हिस्सों में यह ‘खराब’ श्रेणी में रहा।

पंजाब सुदूर संवेदन केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में शुक्रवार तक पराली जलाने की कुल 12,813 घटनाएं दर्ज की गईं।