हरियाणा में डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. मंगलवार को डॉक्टरों ने चिकित्सा निति से संबंधित सुधार की मांग को तेज कर दिया है. डॉक्टरों द्वारा अपनी मुख्य तीन मांगों को रखा है. डॉक्टरों की प्रमुख तीन मांगें हैं कि एसएमओ की सीधी भर्ती न कर के ये पद प्रमोशन से भरे जाएं, तीन के बजाय चार एसीपी मिले और विशेषज्ञों के लिए अलग अलग काडर बनाए जाएं.
डॉक्टरों की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने के कारण सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद हो गई हैं. हालांकि बुधवार और गुरुवार को इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि अगर सरकार इन दो दिनों में हमारी मांगें नहीं मानती है तो इमरजेंसी सेवाओं को बंद कर के हम पूर्ण हड़ताल पर चले जाएंगे. बताया जाता है कि डॉक्टरों की मांगों को लेकर सरकार के साथ सहमति बन चुकी है. लेकिन डॉक्टरों की मांग है कि इस मामले को शुक्रवार यानि 14 जनवरी तक पूरी तरह से हल कर लिया जाए.
हरियाणा के सिविल चिकित्सा सेवा संघ ने मांगों को लेकर सरकार को 14 जनवरी तक का समय दिया है. संघ का कहना है कि अगर मांग पूरी नहीं होती है तो इमरजेंसी, कोविड एवं पोस्टमार्टम सहित सभी कामों को रोक दिया जाएगा. चिकित्सा सेवा संघ के वाइस प्रसिडेंट डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि आज हमने ओपीडी सेवाएं बंद कर दी हैं. लेकिन अगर 14 जनवरी तक हमारी सभी मांग नहीं मानी गई तो हम पूरी तरह व्यवस्था को बंद करके हड़ताल करेंगे. बताया है कि इस मामले की फाइल स्वास्थ्य मंत्रायल से पास होकर सीएम कार्यालय में पड़ी हुई है.