Guru Nanak Jayanti : क्या आप जानते हैं गुरुनानक जी के बारे में ये रोचक बातें ?

Guru Nanak Jayanti : क्या आप जानते हैं गुरुनानक जी के बारे में ये रोचक बातें ?

Guru Nanak Jayanti : कहा जाता है कि सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी जिनके जन्म के बाद से ही सिख धर्म की स्थापना हुई. इसका मुख्य उद्देश्य गुरुमत था जिसका अर्थ है अपने गुरु के आदर्शों पर चलना और उसका पालन करना. आज हम आपको गुरु नानक देव जी से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपने पहले शायद ही कभी सुनी हो. 

तलवंडी गांव में हुआ था गुरु नानक देव जी का जन्म 

नानक जी का जन्म पाकिस्तान (पंजाब) में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में हुआ था. इस साल गुरु नानक जयंती 27 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी. माना जाता है कि गुर नानक देव का जन्म साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस साल 554वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. उन्होंने 22 सितंबर 1539 में करतारपुर में प्राण त्याग दिए थे. करतारपुर अब पाकिस्तान में है वहां गुरुद्वारा दरबार ग्रंथ साहिब में हजारों-लाखों सिख श्रृद्धालु उन्हें मत्था टेकने जाते हैं.

गुरु नानक जी ने ऐसा किया था सौदा

गुरु नानक देव की एक कहानी काफी मशहूर है. ऐसा कहा जाता है, एक बार गुरु नानक देव को उनके पिता ने व्यापार करने के लिए 20 रुपये दिए और कहा कि सच्चा सौदा करके आओ. गुरु नानक देव ने रास्ते में साधु- संतों की मंडली को उस पैसे का खाना खिला दिया. जब पिता ने पूछा कि सच्चा सौदा किया तो उन्होंने कहा, मैंने साधुओं को खाना खिलाया और यही सच्चा सौदा है.

मक्का भी गए थे गुरु नानक देव जी 

गुरु नानक देव जी ने हिंदू, जैन, बौद्ध धर्मों के तीर्थस्थलों की भी यात्रा की और अपने शिष्यों के साथ मक्का भी गए. गुरु नानक जी का मक्का यात्रा से जुड़ा प्रसंग कई धार्मिक ग्रन्थों और ऐतिहासिक किताबों में दर्ज है. ‘बाबा नानक शाह फकीर’ में हाजी ताजुद्दीन नक्शबन्दी लिखते हैं कि वो खुद गुरु नानक से हज यात्रा के दौरान ईरान में मिले थे. मक्का यात्रा का ये प्रसंग बताता है कि कैसे गुरु नानक जी ने ईश्वरीय उपस्थिति को लेकर लोगों की आंखें खोल दी.

मक्का की कहानी भी है काफी मशहूर 

हुआ यूं कि गुरु नानक जी अपने मुस्लिम शिष्य मरदाना के साथ मक्का गए. वहां थक जाने पर गुरु नानक जी आरामगाह में लेट गए। उस दौरान उनके पैर पवित्र मक्का की तरफ थे। इस दौरान वहां हाजियों की सेवा में लगे खातिम ने ये देखा तो वो क्रोध में भर उठा और उसने गुरु नानक जी से कहा – तुमको दिखता नहीं है, तुम मक्का मदीना की तरफ पैर करके लेटे हो, इधर खुदा है.

तब गुरु जी ने कहा कि वो बहुत थक गए हैं, खातिम खुद ही उनके पैर दूसरी तरफ घुमाए और दूसरी तरफ भी उसे मक्का ही दिखने लगा. उसने गुरु नानक जी के पैर सभी दिशाओं में घुमा डाले लेकिन ऐसा करने पर उसे हर दिशा में मक्का दिखने लगा. तब खातिम की समझ में आया कि ईश्वर हर जगह है, बस देखने वाली नजर चाहिए.