छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन, पहनने पर मिलती है सजा

छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन, पहनने पर मिलती है सजा

दुनिया के लगभग सभी मुस्लिम देशों में महिलाएं हिजाब पहनती हैं। कुछ इस्लामिक देशों में हिजाब पहनने के लिए कानून भी हैं। जैसे ईरान में तो हिजाब पहनने की अनिवार्यता ऐसी है कि हिजाब नहीं पहनने पर महिलाओँ को गिरफ्तार तक कर लिया जाता है।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम बाहुल्य देश के बारे में बताने वाले हैं, जहां पर छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन हैं। भारत के पड़ोसी मुल्क कजाखस्तान में स्कूली छात्राओं को हिजाब पहनना बैन है।

बता दें कि इस देश को कजाखिस्तान या कजाकिस्तान भी कहा जाता है। इस पूरे देश में करीब 70 फ़ीसदी आबादी मुस्लिम है। इस देश के राष्ट्रपति कासम जोमार्त टोकायेव खुद इस्लाम का पालन करते हैं।

जानकारी के मुताबिक वह मक्का मदीना जा चुके हैं और हर साल रमजान के दौरान अपने घर पर इफ्तारी का आयोजन करते हैं। बता दें कि कजाखस्तान की बहुसंख्यक आबादी मुसलमान है।

लेकिन उसके बावजूद ये देश संवैधानिक तौर पर एक धर्मनिरपेक्ष देश है। जानकारी के मुताबिक साल 2016 में शिक्षा मंत्रालय ने हिजाब से जुड़ी एक गाइडलाइन जारी की थी।

जिसमें साफ कहा गया था कि स्कूलों में यूनिफॉर्म के अलावा किसी भी तरीके के धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने को मंजूरी नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं इसी आदेश में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध का ऐलान किया गया था।

इसके अलावा कजाखस्तान में आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने का भी प्रावधान है। अगर कोई छात्रा हिजाब पहनकर स्कूल आती है, तो उसके माता-पिता को सजा के रूप में जुर्माना देना पड़ता है।

सजा के तौर पर पहली बार 10 कजाखिस्तानी टेंगे देने पड़ते हैं। वहीं अगर कोई छात्रा दोबारा गलती करेगी तो जुर्माना बढ़ सकता है। इसके अलावा प्रशासनिक सजा का भी प्रावधान है।

कजाकिस्तान सरकार के मुताबिक स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान है। इस स्थिति में शिक्षा महत्वपूर्ण है ना कि स्कूलों में धार्मिक प्रतीक चिन्ह।

सरकार ने कहा कि क बच्चे बड़े होने के बाद खुद अपनी ड्रेस पर फैसला ले सकते हैं। हालांकि कजाकिस्तान में एक समूह सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है, वहीं कुछ लोग इस फैसले का अच्छा भी मान रहे हैं।