दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 और वनडे सीरीज से बाहर हो सकता है यह खिलाड़ी, सामने आई वजह

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 और वनडे सीरीज से बाहर हो सकता है यह खिलाड़ी, सामने आई वजह

क्रिकेट की दुनिया में जीत और चुनौतियां साथ-साथ चलती हैं। भारत की टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए तैयार हो रही है और भारत के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज दीपक चाहर की भागीदारी पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए वनडे और टी-20 दोनों टीमों का अहम हिस्सा दीपक चाहर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी नहीं खेले थे। वें मैच से पहले अपने घर के लिए रवाना हो चुके थे।

हालांकि उनके वापिस घर जाने की वजह सामने नहीं आई थी। सूर्यकुमार यादव ने आखिरी टी-20 मैच में टॉस के दौरान खुलासा किया था कि चाहर को मेडिकल इमरजेंसी के कारण अचानक वापिस जाना पड़ा है।

चाहर की अनुपस्थिति के पीछे का कारण बाद में पता चला। उनके पिता को गंभीर मस्तिष्क आघात हुआ था और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

परिवार को प्राथमिकता देते हुए, दीपक चाहर ने अपने पिता की हालत में सुधार होने तक उनके साथ रहने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने राहुल द्रविड़ ने भी बात की।

दक्षिण अफ्रीका सीरीज से भी हो सकते हैं बाहर

स्पोर्ट्स तक से बातचीत में दीपक चाहर ने बताया कि मेरे लिए मेरे पिता बहुत अहम हैं। उन्होंने मुझे वह खिलाड़ी बनाया जो मैं हूं। मैं उन्हें इस हालत में छोड़कर कहीं नहीं जा सकता। तेज गेंदबाज ने आश्वासन दिया कि उन्होंने कोच राहुल द्रविड़ और चयनकर्ताओं से बात की है और अपने पिता के स्वास्थ्य की अनुमति मिलने पर टीम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

चाहर ने आगे कहा कि हमने उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया, नहीं तो यह खतरनाक हो सकता था। इस समय उनकी हालत बेहतर है। इस हादसे से वह और उनका परिवार चुनौतीपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में वापसी के बारे में पूछे जाने पर चाहर ने इस बात पर जोर दिया कि यह पूरी तरह से उनके पिता के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि यह मेरे पिता के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

फिलहाल मैं उन्हें छोड़कर नहीं जा सकता। उन्होंने व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के सामने पारिवारिक संबंधों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मेरे लिए मेरे पिता बहुत अहम हैं।

दीपक चाहर का अपने पिता के साथ खड़े होने का निर्णय उन मूल्यों को दर्शाता है जो खेल के दायरे से परे हैं। यह हमें याद दिलाते हैं कि कभी-कभी जीवन के अप्रत्याशित मोड़ खेल पर हावी हो जाते हैं।