‘एक्सीलेंस वेजिटेबल सेंटर’ में होती है रंगीन शिमला मिर्च की खेती, लोगों को करती है आकर्षित

हरियाणा के करनाल जिले में स्थित ‘एक्सीलेंस वेजिटेबल सेंटर’ का रंगीन शिमला मिर्च लोगों को आकर्षित करता है साथ ही यह शिमला मिर्च किसानों को भी प्रोत्साहित करता है। बता दें कि करनाल जिले के घरौंदा में बना ‘एक्सीलेंस वेजिटेबल सेंटर’ भारत और इजराइल का एक जॉइन्ट वेंचर है। यह सेंटर मुख्य तौर पर सब्जियों की खेती में ट्रेनिंग प्रोग्राम कराता है, जिसमें रंगीन शिमला मिर्च जैसी विदेशी सब्जियां भी उगाई जाती हैं।

इसी सेंटर के एक वैज्ञानिक बताते हैं कि लाल और पीले रंग की शिमला मिर्च उगाना किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि इसकी मांग काफी ज्यादा है।

वहीं कृषि वैज्ञानिक डॉ. लवलेश कहते हैं कि- “रंगीन शिमला मिर्च जिसकी सबसे ज्यादा डिमांड रहती हैं शादियों के समय पर जैसे अभी इसका 150 रुपये किलो मंडी प्राइस चल रहा है तो अब हम ये उम्मीद लगा रहे हैं कि ये 200-250 तक भी जाएगा।” साथ ही उनका कहना है कि ‘यदि किसानों की बात की जाए तो ये मिनिमम 10 लाख से लेकर 20 लाख रुपये प्रति एकड़, किसान इसमें से जो एक साल का जो सीजन (नौ या साढ़े नौ महीने की फसल है) होता है इसमें से पूरे सीजन में इतनी वो इनकम निकाल लेते हैं।

साथ ही इसी केंद्र के एक वैज्ञानिक बताते हैं कि ‘रंगीन शिमला मिर्च की खेती केवल संरक्षित वातावरण जैसे पॉलीहाउस में ही की जा सकती है और किसान इसे उगाकर लाखों रुपये कमा सकते हैं।’

बता दें कि ‘एक्सीलेंस वेजिटेबल सेंटर’ संरक्षित खेती प्रथाओं के बारे में जानने के इच्छुक किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम और सहायता भी प्रदान करता है। कई युवा बागवानी छात्र भी सब्जियां उगाने के बारे में अनुभव और ज्ञान प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं।

इसी केंद्र में ट्रेनिंग ले रही बागवानी की छात्रा बताती है कि “हमें ज्यादातर ग्रीन शिमला मिर्च देखने को मिलती है लेकिन अगर हमें कलर्ड कैप्सिकम की ग्रोइंग करनी है तो हम ये प्रोडक्टिव कल्टीवेटेड स्ट्रक्चर का यूज करते हैं तो इसमें मेरा एक्सपीरियंस भी हो जाएगा क्योंकि मैं नॉलेज गेन करने आई हूं क्योंकि आगे मैं खुद भी चाहूं तो ये स्ट्रक्चर लगवा सकती हूं।”