कोचिंग संस्थानों पर चला केंद्र सरकार का चाबुक, ऐसा करने पर देने होंगें 1 लाख रुपए

कोचिंग संस्थानों पर चला केंद्र सरकार का चाबुक, ऐसा करने पर देने होंगें 1 लाख रुपए

केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। कोचिंग संस्थानों को साफ निर्देश दिया गया है कि अब वो न तो अच्छी रैंक की गारंटी दे सकते हैं और न ही गुमराह करने वाले वादे कर सकते हैं।

इसके अलावा किसी भी कोचिंग संस्थान का अब तब तक पंजीकरण नहीं होगा, जब तक कि उसके पास काउंसलिंग सिस्टम नहीं होगा।

सरकार का मानना है कि अवसाद या तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए संस्थानों के पास ये तंत्र होना जरूरी है।

नई गाइडलाइन के अनुसार 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थी कोचिंग क्लास नहीं जा सकते। सरकार ने कहा है कि इस नियम का उल्लंघन करने वालों से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा।

साथ ही अगर छात्र अपने पाठ्यक्रम की पूरी फीस का भुगतान कर देता है और वह पाठ्यक्रम को बीच में छोड़ देता है तो उसे 10 दिनों के भीतर बाकी की फीस रिफंड की जाएगी।

केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी कोचिंग संस्थान ने अधिक फीस वसूला तो संस्थान का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार अब कोचिंग क्लास में पढ़ाने वाले टीचर या ट्यूटर को कम से कम ग्रेजुएट होना जरूरी है। इससे कम योग्यता वाले लोग कोचिंग क्लास में नहीं पढ़ा सकते।

इन गाइडलाइन के अनुसार पहली बार नियम तोड़ने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार नियम तोड़ा तो जुर्माने की राशि बढ़कर एक लाख रुपये हो जाएगी। इसके अलावा रजिट्रेशन भी रद्द हो सकता है।