8 दिनों की यात्रा पर भारत पहुंचे भूटान नरेश, असम से दिल्ली के लिए रवाना हुए

भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक असम की अपनी पहली तीन दिवसीय यात्रा संपन्न करने के बाद रविवार को जोरहाट के रोवरिया हवाई अड्डे से दिल्ली रवाना हुए।

भूटान नरेश को हवाई अड्डे पर असम की वित्त मंत्री अजंता निओग, जोरहाट के विधायक हितेंद्रनाथ गोस्वामी, राज्य और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गर्मजोशी से विदाई दी गई।

इससे पहले वन और पर्यावरण मंत्री चंद्र मोहन पटवारी, कृषि मंत्री अतुल बोरा और अधिकारियों ने राजकीय अतिथि वांगचुक को उस होटल में विदाई दी गई, जहां वह ठहरे हुए थे।

भूटान नरेश ने शनिवार का दिन काजीरंगा में बिताया था।

वह शुक्रवार को यहां पहुंचे थे और कामाख्या मंदिर गए। उन्होंने गुवाहाटी में भूटानी प्रवासियों से मुलाकात की, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज में शामिल हुए।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुवाहाटी और काजीरंगा, दोनों स्थानों पर भूटान नरेश से मुलाकात की थी।

भूटान नरेश वांगचुक (43) ने असम के अपनी तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन शनिवार शाम एक खुली जीप में बैठकर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभयारण्य की यात्रा की। भूटान नरेश और उनका शाही दल मध्य कोहोरा रेंज में मिहिमुख गेट पर खुली जीप में सवार हुआ था।

मिहिमुक लौटने से पहले शाही दल ‘काठपोरा वॉचटावर’ और ‘दफलांग टावर’ पर रुका।

पारंपरिक भूटानी पोशाक ‘घो’ और खाकी रंग की टोपी पहने भूटान नरेश ने अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें खींची और दूरबीन से वन्य जीवों को देखा। उन्होंने कोहोरा नदी में हाथियों को नहाते हुए भी देखा।

भूटान नरेश ने एक ऐसी जगह से सूर्यास्त देखा, जहां उनके सामने जंगली हाथी और पीछे आंगलोंग की पहाड़ियां स्थित थीं।

भूटान नरेश ने काजीरंगा के कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज में भी हिस्सा लिया।