विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चेयरपर्सन्स के साथ बैठक कर दिए दिशानिर्देश

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चेयरपर्सन्स के साथ बैठक कर दिए दिशानिर्देश

चन्द्र शेखर धरणी, चंडीगढ़:

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान हरियाणा में सरकार की ओर से होने वाले खर्च पर विधानसभा कमेटियों की पैनी नजर रहेगी।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सभी कमेटियों के चेयरपर्सन और अधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए।

गुप्ता ने कहा विधान पालिका लोकतांत्रिक व्यवस्था के तीनों आधारभूत स्तंभों में सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए जनता की तकलीफों को दूर करने के साथ-साथ सार्वजिनक संसाधनों का समुचित सदुपयोग करवाना विधायिका का सर्वोच्च दायित्व है।

गौरतलब है कि ज्ञान चंद गुप्ता हर वित्त वर्ष की शुरुआत में समिति सभापतियों के साथ बैठक कर साल भर के लिए कार्य योजना तैयार करते हैं।

इसलिए उन्होंने मंगलवार को आयोजित बैठक में समिति सभापतियों और अधिकारियों से चर्चा कर साप्ताहिक बैठकों के दिन और समय का निर्धारण किया।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि विधान सभा की कमेटियां सदन का लघु स्वरूप है, इसलिए सरकार के अधिकारियों को इन कमेटियों को गंभीरता से लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के प्रशासनिक सचिव ही समितियों के प्रति जवाबदेह है। इसके लिए विधान सभा सचिवालय की ओर से प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा गया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी विधायक बैठकों में सम्मिलित होने वाले अधिकारियों को व्यक्तिगत कार्य न बताएं। गुप्ता ने कहा कि समितियों के दौरे सैर-सपाटे के लिए न होकर अध्ययन और कार्यप्रणाली की बारीकियां समझने के लिए होने चहिए।

इसके लिए किसी भी प्रदेश का दौरा करने से पूर्व विस्तृत योजना बनाकर समकक्ष समितियों के साथ बैठकें सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने हिदायत दी कि अध्ययन दौरे के बाद इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट अवश्य बनाएं।

उन्होंने समिति अधिकारियों को कहा कि बैठकों में भाग लेने वाले विधायकों की ही उपस्थिति लगाएं तथा बैठक की सूचना विधायकों को ईमेल, मैसेज और फोन कॉल के माध्यम से निश्चित समय पूर्व मिलनी सुनिश्चित करें।

उन्होंने सभापतियों को विधायी कामकाज के गुर भी बताए और साथ ही हिदायत दी कि विधायी कामकाज के सबसे महत्वपूर्ण घटक होने के कारण हम सबकी जनता के प्रति जवाबदेही ज्यादा है।

इस जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए समितियां सिर्फ विधान भवन में बैठकों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हें प्रदेश भर में चल रही विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जनता की मेहनत की कमाई से सरकारी खजाने में आने वाले धन के अपव्यय को रोकने के लिए समितियों को अधिक सतर्कता से काम करना होगा।

समिति की बैठकों में होने वाले निर्णयों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए फॉलोअप अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समिति में शामिल सभी विधायक परिश्रम और लग्न से कार्य करें।

बैठक में लोक लेखा समिति के चेयरपर्सन वरुण चौधरी, प्राक्कलन समिति की सभापति कमलेश ढांडा, लोक उपक्रमों संबंधी समिति और शिष्टाचार मानदंडों के उल्लंघन और हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के साथ सरकारी अधिकारियों के अवमाननापूर्ण व्यवहार पर समिति के चेयरपर्सन अनिल विज, अनुसूचित जातियों, जन जातियों तथा पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए समिति के सभापति सत्य प्रकाश, सरकारी आश्वासनों के बारे में गठित समिति के चेयरपर्सन आफताब अहमद, अधीनस्थ विधान समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह यादव, याचिका समिति के सभापति घनश्याम दास अरोड़ा, स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज संस्थाओं सम्बन्धी समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश यादव और शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाएं सम्बन्धी विषय समिति के सभापति देवेन्द्र सिंह बबली व सभी समितियों के अधिकारी मौजूद रहे।