आंदोलनरत पंजाब के किसानों ने 15 फरवरी को बैठक के लिए स्वीकार किया केंद्र का निमंत्रण

आंदोलनरत पंजाब के किसानों ने 15 फरवरी को बैठक के लिए स्वीकार किया केंद्र का निमंत्रण

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने किसानों की मांगों पर आगे की बातचीत के लिए केंद्र सरकार के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। बैठक चंडीगढ़ में होगी। जिसमें एसएमके नेता स्वर्ण सिंह पंढेर, जगजीत सिंह दल्लेवाल और अन्य शामिल होंगे।

किसान आंदोलन पर एक याचिका पर कल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में भी सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार से कल स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

एसएमके ने केंद्र सरकार के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन शुरू किया है। दिल्ली पहुंचने के लिए बड़ी संख्या में किसान हरियाणा से लगी सीमाओं पर जुटे हुए हैं।

हरियाणा पुलिस ने किसानों के मार्च को रोकने के लिए सड़कों को कंक्रीट ब्लॉकों और कंटीले तारों से अवरुद्ध कर दिया है और किसानों पर आंसू के गोले और रबर की गोलियां चलाई हैं। उन पर पुलिस के हमले में 100 से अधिक किसान घायल हो गए।

शंभू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वर्ण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार से पत्र मिला है और किसानों की मांगों पर बातचीत फिर से शुरू की जाएगी।

बैठक का समन्वय पंजाब सरकार द्वारा किया गया। बैठक में तीन केंद्रीय मंत्री केंद्रीय कृषि मंत्री केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय भाग लेंगे।

दल्लेवाल ने कहा कि वे केंद्र सरकार से कोई नई मांग नहीं रख रहे हैं। भाजपा सरकार ने केंद्र के साथ ये प्रतिबद्धताएं की थीं। लेकिन उन्हें लागू नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि आंदोलन शुरू करने से पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों के साथ दो बैठकें की थीं। लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। उन्होंने कहा कि वे तीसरी बैठक के नतीजे का इंतजार करेंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस पंजाब में बैठे किसानों पर हमला कर रही है और पंजाब सरकार हरियाणा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके बाद पंजाब सरकार ने भी आधिकारिक चैनलों के माध्यम से हरियाणा सरकार के समक्ष विरोध दर्ज कराया है।

दल्लेवाल ने कहा कि करीब 100 किसान घायल हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने शंभू और खनौरी मोर्चे पर बैठे किसानों को शांतिपूर्ण रहने की हिदायत दी है।