आप सांसद संजीव अरोड़ा ने संसद में उठाया पंजाब के मजदूरों के साथ केंद्र के भेदभाव का मुद्दा

आप सांसद संजीव अरोड़ा ने संसद में उठाया पंजाब के मजदूरों के साथ केंद्र के भेदभाव का मुद्दा

पंजाब से आम आदमी पार्टी(आप) के राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा ने पंजाब के मजदूरों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मिलने वाली मजदूरी का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि पंजाब में मनरेगा के तहत वर्तमान मजदूरी दर 303 रूपए प्रतिदिन है जो पड़ोसी राज्य हरियाणा की तुलना में काफी कम है, जहां मजदूरी दर 357 रुपये प्रति दिन है।

उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य श्रम विभाग ने अकुशल कृषि श्रम मजदूरी दर 412.95 रुपए प्रति दिन अधिसूचित की है, जो मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी दर से काफी अधिक है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के भेदभाव से श्रमिकों के बीच असमानता पैदा होती है और श्रम की गरिमा व मनरेगा कार्यक्रम की मंशा को भी कमजोर करती है।

उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत जारी की जाने वाली वार्षिक धनराशि पिछले वर्षों की तुलना में 2022-23 में कम हो गई है, बल्कि मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इस राशि में वृद्धि होनी चाहिए थी।

इस मुद्दे को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार मनरेगा योजना के तहत अधिक काम करवा रही है, लेकिन केंद्र हमारे मजदूरों के साथ भेदभाव कर रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 (77 करोड़ रूपये) की तुलना में 2023-24 में नहरों एवं जलाशयों की मरम्मत का 3 गुना अधिक (228 करोड़ रूपये) कार्य मनरेगा के तहत कराया जा रहा है।

संजीव अरोड़ा ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप का अनुरोध किया और मनरेगा के तहत पंजाब के लिए वर्तमान मजदूरी दर का पुनर्मूल्यांकन करने को कहा।

उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि मजदूरी दर को पड़ोसी राज्य हरियाणा या पंजाब राज्य श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मजदूरी दरों के बराबर लाने के लिए बढ़ाया जाए।