क्या बंद हो जाएगा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक? RBI ने लगाई रोक
मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कड़ा रुख अपनाते हुए कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं। RBI के इस फैसले के तहत, बैंक अगले छह महीनों तक न तो कोई नया लोन दे सकेगा और न ही कोई नई जमा राशि स्वीकार कर सकेगा।

मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कड़ा रुख अपनाते हुए कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं। आरबीआई के इस फैसले के तहत, बैंक अगले छह महीनों तक न तो कोई नया लोन दे सकेगा और न ही कोई नई जमा राशि स्वीकार कर सकेगा। बैंक पर इस रोक का मुख्य कारण हाल के समय में हुई वित्तीय अनियमितताएं बताई जा रही हैं।
RBI का निर्णय और कारण
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन बैंक को किसी भी प्रकार का नया निवेश या उधार लेने से भी रोक दिया गया है। इस तरह के प्रतिबंध ग्राहकों और बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता बनाए रखने के लिए लगाए जाते हैं।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की मौजूदा स्थिति
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक बीते दो वित्तीय वर्षों से घाटे में चल रहा है। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार:
· मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में बैंक को 227.8 मिलियन रुपये का घाटा हुआ।
· वित्त वर्ष 2023 में बैंक को 307.5 मिलियन रुपये का नुकसान हुआ था।
· बैंक का एडवांस ऋण 31 मार्च 2024 तक घटकर 11.75 बिलियन रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले यह 13.30 बिलियन रुपये था।
· हालांकि, इस दौरान बैंक में कुल जमा राशि 24.06 बिलियन रुपये से बढ़कर 24.36 बिलियन रुपये हो गई।
क्या बैंक का लाइसेंस रद्द हुआ है?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि इस प्रतिबंध का मतलब यह नहीं है कि बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। यह केवल एक अस्थायी रोक है, जिससे बैंक की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जा सके। केंद्रीय बैंक इस मामले की जांच कर रहा है और आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
पिछले मामले: जब आरबीआई ने लिया सख्त निर्णय
यह पहला मौका नहीं है जब आरबीआई ने किसी सहकारी बैंक पर इस तरह की कार्रवाई की है। इससे पहले, 2019 में पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC बैंक) पर भी वित्तीय अनियमितताओं के कारण इसी प्रकार की पाबंदियां लगाई गई थीं। इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
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