उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई
एडवोकेट दुष्यंत मनाली ने बताया कि नैनीताल हाई कोर्ट ने मंगलवार तक उत्तराखंड में चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की रोक के बाद अब आरक्षण प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। अधिवक्ता दुष्यंत मनाली ने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में चुनाव प्रक्रिया पर मंगलवार तक रोक लगा दी है।
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई थी। जहां 25 जून से नामांकन प्रक्रिया कराए जाने की घोषणा की गई थी। आचार संहिता भी लागू कर दी गई थी। इन तमाम तैयारियों के बीच नैनीताल हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आरक्षण पर रोक लगाई है।
आपको बता दें कि टिहरी निवासी मुरारीलाल खंडवाल ने आरक्षण रोटेशन को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में पंचायत चुनाव के लिए लागू किए गए नए आरक्षण रोटेशन को गलत बताया गया था। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने तीन बार फिर सीट आरक्षित कर दी है, आम जनता को चौथी बार भी मौका नहीं मिल रहा है।
याचिका में क्या है?
हाईकोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा था। सरकार ने खुद कोर्ट से 24 जून तक का समय मांगा था, लेकिन उससे पहले ही चुनाव तिथियां घोषित कर दी गईं। याचिकाकर्ता ने सवाल उठाया कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो किस आधार पर चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया। बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने नौ जून 2025 को आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली बनाई थी।
साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए अब तक चले आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित कर इस साल से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि कोर्ट इस मामले में पहले ही दिशा-निर्देश दे चुका है। याचिकाकर्ता के अनुसार इस आदेश से जो सीट पिछले तीन टर्म से आरक्षित श्रेणी में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित हो गई।
सरकार ने बताया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दाखिल हैं, जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने नौ जून को जारी नियमावली को खंडपीठ में भी चुनौती दी है। एकलपीठ के समक्ष अब आरक्षण को नए सिरे से लागू करने के 11 जून के आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है।
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