केंद्रीय बजट 2024: दिल्ली के औद्योगिक बाजार संघों को किराये की दुकानों पर GST कम होने की उम्मीद
लाजपत नगर शॉपकीपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र डावर ने कहा, "सरकार से अपेक्षा तो बहुत रखते हैं पर गांधी नगर से कवर्जन चार्ज लिया जाता है कमर्शियल हाउस चार्ज लिया जाता है कमर्शियल बिजली का बिल लिया जाता है एमसीडी से लिया जाए तो एमसीडी वाला मार्केट का आप दौरा करेंगे न तो आपको हर जगह कूड़ा ही कूड़ा नजर आएगा
दिल्ली के औद्योगिक बाजार संघों को उम्मीद है कि सरकार केंद्रीय बजट में बाजारों में किराये की दुकानों पर जीएसटी दर कम करेगी।
एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन 23 जुलाई को लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगी।
व्यापारियों ने नगर निगम से ज्यादा टैक्स वसूले जाने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि टैक्स के मुकाबले सुविधाएं कम हैं।
लाजपत नगर शॉपकीपर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र डावर ने कहा, "सरकार से अपेक्षा तो बहुत रखते हैं पर गांधी नगर से कवर्जन चार्ज लिया जाता है कमर्शियल हाउस चार्ज लिया जाता है कमर्शियल बिजली का बिल लिया जाता है एमसीडी से लिया जाए तो एमसीडी वाला मार्केट का आप दौरा करेंगे न तो आपको हर जगह कूड़ा ही कूड़ा नजर आएगा कोई सफाई की व्यवस्था नहीं है कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं है हमारे यहां इतनी बड़ी मार्केट है एक भी सरकार के तरफ कोई पार्किंग नहीं है यहां पे बाहर का व्यापारी तो आना ही बंद हो गया अब तो मार्केट में हमें तो बजट से ये है कि भाई एक पार्किंग बन जाए पुस्ते के उप्पर जो एलिवेटेड रोड बन रहा है उसके नीचे पार्किंग बन जाए तो यही बहुत बड़ी बात होगी। एक सफाई की समस्या है और ये जो बिजली की तारें डली हुई हैं ये अंडर ग्राउंड हो जाएं सड़कें बन जाएं कम से कम 20 साल से सुभाषण मार्केट में सड़के नहीं बनी हैं।"
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग करते हुए जीके मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम भसीन ने कहा, ''मार्केट में हमेशा से यही रहा है कि मार्केट वालों का यही कहना है सब जगह कि जब हम हर चीज का टैक्स भरते हैं तो सुविधाएं क्यों नहीं मिलतीं सबसे पहले मैं बात करूंगा इनकम टैक्स की जिस तरीके इनकम टैक्स का स्लैब पिछले 10 सालों से 15 सालों से हम लोगों को यही कहा जा रहा है कि इस बार चेंज होगा लेकिन अभी तक कोई उसका असर नहीं हुआ उसके बाद बात करूंगा जीएसटी की, उसके बाद बात करूंगा एमसीडी के टैक्सों की तो हर प्रकार का टैक्स जब व्यापारी देता है तो उसको उस तरीके कि सहूलतें नहीं मिल पाती तो हम लोग का एक पर्सनल तौर पर भी और व्यापारिक तौर पर भी और मार्केट के तरफ से भी यही कहना है कि जिस तरीके से हम लोगों से टैक्स लिए जाते हैं उसकी सुविधाएं भी दी जाएं।"
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