Jalandhar West Bypoll Result: गुरमीत हेयर ने AAP के मोहिंदर भगत की जीत पर किसे दिया श्रेय?
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने बड़ी जीत दर्ज की है। जिसके लिए आप के सभी नेता उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। संगरूर लोकसभा सीट से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मोहिंदर भगत को उनकी जीत पर बधाई दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा कि मोहिंदर भगत की जीत के लिए जालंधर पश्चिम के सभी लोगों का शुक्रिया
जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने बड़ी जीत दर्ज की है। जिसके लिए आप के सभी नेता उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। संगरूर लोकसभा सीट से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मोहिंदर भगत को उनकी जीत पर बधाई दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा कि मोहिंदर भगत की जीत के लिए जालंधर पश्चिम के सभी लोगों का शुक्रिया।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता भी बधाई के पात्र हैं। इस जीत का श्रेय राज्य सरकार की जनहितैषी नीतियों को जाता है। आप की एकतरफा जीत जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर आप उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने 37325 वोटों से जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार शीतल अंगुराल को हराकर अपनी पिछली हार का बदला ले लिया है। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर कौर तीसरे स्थान पर रही हैं। आम आदमी पार्टी को 58.39 फीसदी, भाजपा को 18.94 फीसदी और कांग्रेस को 17.71 फीसदी वोट मिले हैं।
सुशील रिंकू ने AAP की जीत पर लगाए बड़े आरोप
जालंधर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद और वर्तमान में भाजपा नेता सुशील रिंकू ने भी उपचुनाव में AAP की जीत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट करके AAP सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा है कि जालंधर पश्चिम उपचुनाव में सरकार की जीत के बिंदु...
• पार्षदों और कई अन्य लोगों को खरीदकर पदों का लालच दिया गया। कई लोगों को खुश करने के लिए बंदूकधारी को छोड़ दिया गया।
• लोगों को डर था कि सरकार के पास ढाई साल बाकी हैं, इसलिए उन्होंने लोगों में दहशत पैदा की।
• मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे, शराब, राशन, सूट बांटे गए।
• सरकारी मशीनरी और सरकारी व्यवस्था का पूरा दुरुपयोग किया गया।
• पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 90 विधायकों और 35 अध्यक्षों ने पूरी तरह से देशद्रोह किया है।
• चुनाव के दिन तक बाहर निकले लोग मतदाताओं को डराते रहे और पैसे बांटते रहे।
• लोकतंत्र का पूरी तरह से विनाश।
• चुनाव आयोग के निर्देशों की अनदेखी करके बेशुमार पैसा खर्च किया गया।
• लेकिन फिर भी शीतल अंगुराल ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और पूरी सरकार को चुप करा दिया।
• कुल मिलाकर यह जीत नहीं बल्कि लोकतंत्र की हत्या है।
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