किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के इन गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद
दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 20 के तहत 6 दिसंबर से 9 दिसंबर तक अंबाला के दस गांवों में इंटरनेट बंद करने के संबंध में एक आदेश पारित किया गया है। हालांकि, बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज सेवाएं अभी भी कार्यात्मक रहेंगी, ऐसा विज्ञप्ति में बताया गया है।
हरियाणा सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए, हरियाणा सरकार द्वारा दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 20 के तहत 6 दिसंबर से 9 दिसंबर तक अंबाला के दस गांवों में इंटरनेट बंद करने के संबंध में एक आदेश पारित किया गया है। हालांकि, बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज सेवाएं अभी भी कार्यात्मक रहेंगी, ऐसा विज्ञप्ति में बताया गया है।
इन गांवों में बंद रहेगा इंटरनेट
अंबाला जिले के अंतर्गत आने वाले डंगडेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बड़ी घेल, लाहरसा, कालू, मजीरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू गांवों में यह बंद रहेगा। विज्ञप्ति में बताया गया है कि सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह घोषणा व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए की गई थी।
उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाया जाने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। इससे पहले आज शंभू बॉर्डर पर किसानों का एक बड़ा समूह इकट्ठा हुआ, जहां से उन्होंने दिल्ली की ओर कूच करने का प्रस्ताव रखा है। साइट से ड्रोन तस्वीरों में किसानों के बड़े समूह बॉर्डर पर इकट्ठा होते दिख रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से कही ये बात
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 100 किसानों का समूह शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर कूच करेगा और उनका बैरिकेड तोड़ने का कोई इरादा नहीं है। केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उन्हें किसानों के ट्रैक्टर पर दिल्ली की ओर बढ़ने से दिक्कत है। 100 किसानों का समूह शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर बढ़ेगा। हमारा बैरिकेड तोड़ने का कोई इरादा नहीं है। हमें उम्मीद है कि सरकार हमें दिल्ली की ओर बढ़ने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अनुमति देगी। किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं। हम कहते रहे हैं कि अगर सरकार बात करना चाहती है तो वह हमें केंद्र सरकार या हरियाणा या पंजाब के सीएम ऑफिस का पत्र दिखाए।
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