दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली, दिवाली के बाद 'पुअर' श्रेणी में AQI

दिवाली के बाद पहली बार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'पुअर' श्रेणी में दर्ज किया गया है। दिवाली के बाद पटाखों के प्रतिबंध और अन्य उपायों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है।

Nov 25, 2024 - 08:29
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दिल्ली की हवा फिर हुई जहरीली, दिवाली के बाद 'पुअर' श्रेणी में AQI
AQI in 'poor' category after Diwali
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दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति हर साल सर्दियों के मौसम के आगमन के साथ खराब होती है, और इस बार दिवाली के बाद पहली बार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'पुअर' श्रेणी में दर्ज किया गया है। दिवाली के बाद पटाखों के प्रतिबंध और अन्य उपायों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है।

क्या है AQI?

वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index - AQI) एक ऐसा पैमाना है जो हवा में मौजूद प्रदूषकों के स्तर को मापता है। इसे छह श्रेणियों में बांटा गया है: अच्छा (Good), संतोषजनक (Satisfactory), मध्यम (Moderate), खराब (Poor), बहुत खराब (Very Poor), और गंभीर (Severe)। AQI 201 से 300 के बीच 'पुअर' श्रेणी में आता है।

दिल्ली की स्थिति

दिवाली के बाद, दिल्ली का औसत AQI 250-300 के बीच दर्ज किया गया, जो 'पुअर' श्रेणी में आता है। इस स्तर पर हवा में प्रदूषण के कारण लोगों को सांस संबंधी समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।

प्रदूषण के प्रमुख कारण

  1. पटाखों का धुआं: दिवाली के दौरान पटाखे जलाने से हवा में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
  2. पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं भी दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा योगदान करती हैं।
  3. वाहन और औद्योगिक उत्सर्जन: दिल्ली की सड़कों पर भारी ट्रैफिक और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक भी AQI को खराब करते हैं।
  4. मौसम: सर्दियों के दौरान हवा की गति कम हो जाती है और प्रदूषण के कण वातावरण में जमा हो जाते हैं।

सरकार के प्रयास

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें पटाखों पर प्रतिबंध, ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP), और सड़क पर पानी का छिड़काव शामिल हैं। साथ ही, पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर पराली जलाने की घटनाओं को रोकने की कोशिशें भी जारी हैं।

आम जनता की भूमिका

प्रदूषण की इस गंभीर समस्या को हल करने में हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है।

  • पटाखों का इस्तेमाल न करें।
  • सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें।
  • वाहनों का उचित रखरखाव करें।
  • पेड़-पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें।

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