हरियाणा के NCR क्षेत्र में बनेगा 4 लेन का 71 किलोमीटर लंबा रोड, CM सैनी ने दी मंजूरी

हरियाणा सरकार ने 616 करोड़ 01 लाख रुपए की अनुमानित लागत से पलवल, नूंह और गुरुग्राम जिलों में होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा मार्ग को 71 किलोमीटर तक यानि होडल-नूंह-तावड़ू-बिलासपुर मार्ग से 4-लेन बनाने को स्वीकृति प्रदान की है।

Dec 5, 2024 - 12:22
 25
हरियाणा के NCR क्षेत्र में बनेगा 4 लेन का 71 किलोमीटर लंबा रोड, CM सैनी ने दी मंजूरी
Advertisement
Advertisement

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने 616 करोड़ 01 लाख रुपए की अनुमानित लागत से पलवल, नूंह और गुरुग्राम जिलों में होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा मार्ग को 71 किलोमीटर तक यानि होडल-नूंह-तावड़ू-बिलासपुर मार्ग से 4-लेन बनाने को स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी  की अध्यक्षता में आयोजित स्थायी वित्त समिति "सी" की बैठक में लिया गया। बैठक में पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) मंत्री रणबीर गंगवा सहित वित्त विभाग, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर), ऊर्जा विभाग और हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

इन गांवों को होगा फायदा

उक्त परियोजना मुख्यमंत्री की घोषणा का हिस्सा है जिसका उद्देश्य होडल-नूंह-पटौदी-पटौदा सड़क पर माल और यात्री दोनों की आवाजाही की दक्षता बढ़ाना है। इस परियोजना  से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों: दिल्ली-मथुरा-आगरा (एनएच-19), दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4), गुरुग्राम-नूंह-राजस्थान (एनएच-248ए) और दिल्ली-जयपुर (एनएच-48) पर कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। प्रस्तावित उन्नयन से इस मार्ग पर स्थित कई गांवों को भी लाभ होगा, जिनमें बिलासपुर, पथरेरी, अडबर, बावला, भजलाका, बिवान, छारोड़ा, फतेहपुर, गोवारका, गुढ़ी, हुसैनपुर, जयसिंहपुर, झामुवास, कालिंजर, नूरपुर, पल्ला, रायपुरी, सतपुतियाका, सिलखो, सोंख, तेजपुर, उजिना, बहिन, भीमसिका, कोट, मलाई, नांगलजाट, सौंदहद, उत्तावर, शहर- नूंह, होडल, तावड़ू जिला नूंह और पलवल शामिल हैं।  

विकास परियोजनाओं में लाई जाए तेजी
 

 बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर) के अधिकारियों को टेंडर आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करने के निर्देश देते हुए कहा की विभाग ऑनलाइन बोली प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव लाए ताकि ऑनलाइन माध्यम से टेंडर प्राप्त करने के बाद ठेकेदारों द्वारा परियोजना को छोड़ देने या अयोग्य घोषित किए जाने के कारण विकास परियोजनाओं में होने वाली अनावश्यक देरी को दूर किया जा सके ।

उन्होंने सुझाव दिया कि नई प्रणाली के तहत, यदि एल-1 (सबसे कम बोली लगाने वाला) किसी कारण से परियोजना को बीच में ही छोड़ देता है, तो अनुबंध स्वतः एल-2 बोली लगाने वाले को दे दिया जाए, जो निर्धारित दरों पर काम को पूरा करे।  इससे यह सुनिश्चित होगा कि ठेकेदारों के मुद्दों के कारण कोई भी परियोजना अधूरी न रहे, जिससे बहुमूल्य समय की बचत होगी और विकास पहलों की समग्र दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे काम की गति में उल्लेखनीय सुधार आएगा और यह सुनिश्चित होगा कि सभी परियोजनाएं बिना अनावश्यक देरी के पूरी हों।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow