हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन CM मनोहर लालऔर नेता विपक्ष पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के बीच जमकर शायरी का मुकाबला हुआ। आपको बताए गन्ने के दाम बढ़ाने को लेकर चली बहस के बीच दोनों ने शेरो-शायरी के जरिये एक-दूसरे पर तंज कसे। इस दौरान दोनों पक्ष ठहाकों के साथ अपने नेता का जोश बढ़ाते रहे।
आपको बताए क्या है ये पूरा मामला ? दरअसल CM भूपेंद्र हुड्डा ने सदन में शराब तस्करी के मुद्दे पर चर्चा की मांग की और उसके समर्थन में अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने गन्ने की कीमतों का भी मुद्दा उठाया। वहीं आपको बताए सदन में हुड्डा ने शायरी पढ़ते हुए कहा, “चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी, मानता हूं मैं…यही इल्जाम लग रहा है हम पर बेवफाई का, चमन को रौंद डाला जिन्होंने अपने पैरों से, वही दावा कर रहे हैं इस चमन की रहनुमाई का। इसके जवाब में CM मनोहर लाल ने कहा – ‘जिसे निभा न सकूं, ऐसा वादा नहीं करता। मैं बात अपनी सीमा से ज्यादा नहीं करता। तमन्ना रखता हूं कि आसमान छू लेने की, लेकिन औरों को गिराने का इरादा नहीं रखता’।
इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा बोले- ‘न पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहां तक है, तू सितम कर ले तेरी हसरत जहां तक है। वफा की उम्मीद उन्हें होगी तुमसे, जिनकी आंखे बंद हैं, मैं तो दुनिया को दिखा रहा हूं, कि तू बेवफा कहां तक है। इसके जवाब में CM मनोहर लाल बोले- हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ चल पड़ेंगे, रास्ते अपने आप हो जाएंगे।
फिर सदन में भूपेंद्र हुड्डा बोले, मेरे जुनून का नतीजा ज़रूर निकलेगा इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा उसी का शहर, वही मुद्दई वही मुंसिफ़, हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा।” इस शायरी का जवाब देते हुए मनोहर लाल खट्टर फिर खड़े हुए और कहा, “मेरी खामोशियों का लिहाज कीजिये..मेरे लफ़्ज़ आपसे बर्दाश्त नहीं होंगे।”