स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ली ‘‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’’ अभियान की शपथ

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा, डॉ. गुरुदर्शन ने ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन के तहत ‘‘टीवी हारेगा देश जीतेगा’’ अभियान से भारत के सपने को साकार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। हसको लेकर जिले में समुदाय स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
 सीएमओ आज जोनल अस्पताल धर्मशाला के सभागार में‘‘टीवी हारेगा देश जीतेगा’’ अभियान
को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। इस बैठक में मुख्य रूप से सभी स्वास्थ्य खंड मुख्यालय में तैनात हेल्थ एजुकेटर, सुपरवाइजर और कम्युनिटी हेल्थ अधिकारियों ने भाग लिया।
टीवी उन्मूलन अभियान को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता
  सीएमओ ने कहा कि टीवी उन्मूलन के अभियान को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है और आम जनमानस को इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी तभी हम इस रोग को मिटा पाएंगे। उन्होंने कहा टीबी अब असाध्य बीमारी नहीं है अब इसका इलाज सरल है तथा समय पर इलाज करवाने से रोगी पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस बीमारी को छुपाए नहीं और लक्षण होने पर तुरंत अपनी जांच करवाएं। टीवी का इलाज व जांच हर एक स्वास्थ्य केंद्र पर निःशुल्क है। उन्होंने बताया कि मार्च महीने में “टीवी हारेगा-देश जीतेगा” अभियान के तहत पूरे जिला में जन जागरण की अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने इसके बारे में सभी आए हुए प्रतिभागियों के साथ विस्तृत में चर्चा की।


स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ली ‘‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’’ अभियान की शपथ
  इस अवसर पर सभागार में उपस्थित सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को ‘‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’’ अभियान की शपथ दिलाई गई। सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शपथ ली कि वे पूरे जीवन काल में अपने परिवार, अपने सहकर्मी और पड़ोसी को क्षय रोग के लिए जागरूक करेंगे, लोगों को खांसने के सही तरीके का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे। टीबी रोग की रोकथाम संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरे मार्च महीने में जिले के सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के कर्मचारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उनके द्वारा लोगों को टीबी रोग के लिए जागरूक करने के साथ-साथ इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने के जागरूक किया जाएगा।
  डॉ.गुप्ता ने कहा कि अभियान के सफल आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर चौतरफा रणनीति के साथ मैदान में उतर रहा है जिसमें इस बीमारी के कारणों को लोगों तक पहुंचाना, जिससे वो जागरूक हों, दूसरा टीबी की बीमारी के चपेट में आये लोगो की पहचान कर उनको इलाज दिलाना और तीसरा वर्तमान में जो टीबी के मरीज जिला भर में हैं उनको उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है। ‘‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’’ का नारा 2025 तक जिला को टीबी की बीमारी से मुक्ति दिलाएगा।
क्या कहते हैं जिला क्षय रोग अधिकारी
  जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने बताया की अप्रैल 2018 से भारत सरकार टीबी के मरीजों के लिए निक्षय पोषण योजना चला रही है जिसके तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत उनको आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें 500 रुपये प्रतिमाह इलाज के दौरान दिए जा रहे हैं तथा बिगड़ी हुई टीबी के रोगियों को अतिरिक्त 1500 रुपये  प्रति माह सरकार द्वारा दिए जाते हैं। उन्होंने बताया प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है इस दिवस को मनाने का ध्येय लोगों को क्षय रोग अर्थात तपैदिक नामक बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना है।

सबसे पहले साल 1962 में देश भर में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम शुरू किया और देश भर में जिला टीबी केंद्र स्थापित किये गए। इसके बाद 1993 में डब्लयूएचओ ने टीबी को लेकर वैश्विक आपात स्थिति घोषित की। 1997 में केंद्र ने डायरेक्टली ऑब्जर्वेंबल ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्स डीओटीएस की शुरुआत की। इसके बाद केंद्र ने 2005 से 2011 के बीच पूरे देश में अभियान चलाया। साल 2012 से 2017 के बीच राष्ट्रीय रणनीतिक योजना लाई गई जिसमें टीबी मामलों की अनिवार्य सूचना सुनिश्चित की गई।

  इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.विक्रम कटोच, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गुरमीत कटोच,  जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सूद, डॉ.सौरभ, ड्रग रेजिस्टेंट टीबी कोऑर्डिनेटर  विशाल शर्मा, डिस्टिक प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर संजीव, जिला के मास मीडिया अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षक, कम्युनिटी हेल्थ अधिकारी, टीवी हेल्थ विजिटर भी उपस्थित रहे।