प्याज व्यापारियों ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में सभी मंडियों में नीलानी रोकी, प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने की मांग

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार, राज्य के मंत्री अब्दुल सत्तार और छगन भुजबल ने व्यापारियों की मांगों पर चर्चा के लिए मंगलवार को विपणन विभाग के अधिकारियों और नासिक के प्याज व्यापारियों से मुलाकात की। महाराष्ट्र के विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि “वे चाहते हैं कि केंद्र प्याज पर 40 परसेंट निर्यात शुल्क हटा दे, एनसीसीएफ और नेफेड के जरिये प्याज की बिक्री बंद कर दे। ऐसी कई मांगें हैं। हम कोशिश करेंगे और उनमें से कुछ को हल करेंगे, लेकिन इनमें से ज्यादातर मांगों को केंद्र सरकार ही हल कर सकती है।” नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ यानी एन-डी-ओ-टी-ए प्याज पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया कदम का विरोध कर रहा है। ये 31 दिसंबर तक लागू रहेगा। प्याज व्यापारियों ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में सभी ए-पी-एम-सी में नीलामी बंद कर दी है। इस वजह से खुदरा बाजारों में कमी और बाद में कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि “खरीदी फिर से शुरू होना चाहिए। त्योहार के बीच में सारी खरीदारी बंद करना उचित नहीं है। इसलिए हमने व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वे अभी खरीदारी शुरू कर दें। यदि कारोबार दोबारा शुरू नहीं हुआ और सरकार ने इसके लिए कोई रास्ता नहीं निकाला तो हमारे द्वारा संचालित विपणन महासंघ किसानों से अपने दर पर प्याज खरीदेगा।”  प्याज-आलू बाजार, वाशी एपीएमसी के अध्यक्ष संजय पिंगले ने कहा कि निर्यात न होने के कारण हमारी मंडी में भी ग्राहक नहीं हैं। यदि 40 प्रतिशत का शुल्क नहीं लगाया जाता, तो बाजार (कीमत), जो वर्तमान में 200 से 250 रुपये है, थोड़ी अधिक होती। किसानों के पास जो स्टॉक है उसका 25 से 30 फीसदी हिस्सा बाहर फेंक दिया जाता है जिससे वजन कम होता है। यदि किसान 200 बोरियां रखता है तो 100 से 125 बोरियां ही निकलती हैं। यदि स्टॉक करते समय कीमत 150 पर है, तो किसान को 300 रुपये अवश्य मिलने चाहिए जो वह निकाल लेता है।” हालांकि विरोध का राज्य के दूसरे हिस्सों में कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा है। “नासिक में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन मुम्बई में आज भी 200 गाड़ियों की आवक हो रही है। मुम्बई में इसका कोई असर नहीं है. माल बंबई आ रहा है. नासिक में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन लोडिंग अभी भी जारी है। नेफेड और एनसीसी की 100 गाड़ियां लोड नहीं होने के कारण कीमत में बढ़ोतरी नहीं हुई है। केंद्र ने जो 40 प्रतिशत ड्यूटी लगाई है, उससे भी निर्यात कम हुआ है।” मुख्य मांग प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क हटाना है। दूसरी, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ यानी एनसीसीएफ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड यानी नेफेड के जरिये प्याज की बिक्री को रोकना और तीसरी मांग प्याज की बाकी सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में जमा करना है।