दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश को इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का प्रशासक नियुक्त किया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (आईओए) की स्थिति पर पीड़ा व्यक्त की और पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. आर. मिधा को एसोसिएशन का ‘प्रशासक’ नियुक्त कर दिया।

नवंबर 2020 में एसोसिएशन के चुनावों में ‘गंभीर अनियमितताओं’ के खिलाफ कुछ चिकित्सकों द्वारा दायर याचिका पर पारित आदेश में अदालत ने कहा कि प्रशासक के रूप में न्यायमूर्ति मिधा नवंबर 2023 में प्रस्तावित चुनाव के बाद कार्यकारी समिति गठित होने तक आईओए के मामलों का संचालन करेंगे।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने हालिया आदेश में कहा, ‘‘यह अदालत इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (प्रतिवादी संख्या 7) की स्थिति पर अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए बाध्य है, जो ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में अत्यधिक निपुण डॉक्टरों का एक संघ है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘नवंबर 2020 में चुनावों के संचालन के संबंध में गंभीर और परेशान करने वाली विसंगतियां प्रकाश में लाई गई हैं… मृत व्यक्ति/व्यक्तियों को मतदाता सूची में शामिल करना; ऐसे मृत व्यक्ति/व्यक्तियों द्वारा मतदान करना; कुछ व्यक्तियों (अन्य) की ओर से फर्जी वोट डालना… इन सबने नवंबर 2020 में आयोजित चुनाव को पूरी तरह से मजाक बनाकर रख दिया है।’’

अदालत ने कहा कि प्रशासक मौजूदा कार्यकारी समिति की सहायता से आईओए के मामलों का संचालन करेगा और तीन सप्ताह में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करेगा।

फैसले में कहा गया है कि प्रशासक आगामी चुनावों के लिए मतदाता सूची की समीक्षा के लिए भी उचित कदम उठाएंगे और इसकी शुद्धता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उचित तंत्र स्थापित करेगा।