गुरुग्राम: मानेसर में प्रदर्शनकारी श्रमिकों ने फूंकी बसें, जमकर की तोड़फोड़, कई गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

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गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर में मंगलवार शाम सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने अपनी कंपनी (जेएनएस इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड) की दो बसों के शीशे तोड़ दिए और एक बस में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि इस घटना में हालांकि किसी को चोट नहीं आई है।

पुलिस उपायुक्त (मानेसर) मनबीर सिंह ने बताया, “कंपनी ने नवंबर में कई कर्मचारियों को भिवाड़ी (राजस्थान) स्थित एक अन्य इकाई में स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारी कर्मचारी वहां नहीं जाना चाहते। तब से, वे बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कंपनी की दो बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया और एक बस में आग लगा दी।”

पुलिस ने कई कर्मचारियों को किया गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का तबादला नियमों के अनुसार किया गया था, लेकिन उन्होंने मंगलवार को कंपनी के संचालन को बाधित करने की कोशिश की थी। मनबीर सिंह ने कहा, “हमने कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अन्य की पहचान करने की कोशिश की है।”

मानेसर में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बस फूंकी, बसों में की तोड़फोड़ -  Niharika Times

वहीं, आईएमटी मानेसर के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) इंस्पेक्टर सुभाष ने बताया, “हम कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। साथ ही, हम गिरफ्तार कर्मचारियों से घटना के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। इलाके में स्थिति नियंत्रण में है और किसी को भी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन यादव ने कहा, “कंपनी पर मंगलवार को सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई और इसके बावजूद कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।”

उन्होंने कहा, “ड्यूटी मजिस्ट्रेट अजय कुमार, जो मानेसर के नायब तहसीलदार भी हैं, पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और हड़ताली कर्मचारियों को कंपनी के संचालन को बाधित न करने की चेतावनी दी, लेकिन कर्मचारियों ने कंपनी के काम को पूरी तरह से बाधित कर दिया और अन्य कर्मचारियों को भी काम पर जाने से रोका।”

उन्होंने कहा, “हम कंपनी के खिलाफ श्रमिकों के इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। इस प्रकार के विद्रोह या जान-माल की हानि को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कंपनी प्रबंधन फोन कॉल के बावजूद टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं था।”