कांग्रेस विधायक खैरा की गिरफ्तारी में कोई राजनीतिक प्रतिशोध नहीं: आम आदमी पार्टी

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मालविंदर सिंह कंग ने बृहस्पतिवार को विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी के संबंध में राजनीतिक प्रतिशोध के कांग्रेस के आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि भोलाथ के विधायक के खिलाफ कार्रवाई कानून के मुताबिक की गई है।

कंग ने दावा किया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) को मादक पदार्थ मामले में नए तथ्य मिलने के बाद पंजाब पुलिस ने खैरा को गिरफ्तार किया। खैरा को पंजाब पुलिस ने 2015 के मादक पदार्थ मामले में बृहस्पतिवार सुबह चंडीगढ़ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया।

कांग्रेस नेताओं ने भोलाथ विधायक के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया। कंग ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘इस मामले में कोई राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है। हम कानून के अनुसार काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई करते तो पंजाब में डेढ़ साल से अधिक समय से हमारी सरकार है, उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया होता।’’

कंग ने कहा कि अप्रैल 2023 में गठित एसआईटी ने मामले की जांच की और मामले में कुछ नए तथ्य खोजे। कंग ने कहा, ‘‘यह सामने आया कि खैरा को मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल पाया गया था। इसीलिए उन्हें पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।’’

आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार नशीले पदार्थों के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति रखती है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा।

आप नेता ने दावा किया कि 2022 में उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि पंजाब पुलिस मामले की दोबारा जांच कर सकती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2015 के मादक पदार्थ मामले के दोषियों में से एक गुरदेव सिंह, खैरा का बहुत करीबी था। कंग ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी खैरा को 2015 के मादक पदार्थ से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। कंग ने कहा कि खैरा के खिलाफ 2015 में शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी शासनकाल के दौरान मादक पदार्थ मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

आप नेता ने विपक्षी दलों से कहा कि अगर वे राज्य से नशीले पदार्थों के खतरे को खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें खैरा की गिरफ्तारी का विरोध नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी इसका विरोध करती है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे मादक पदार्थ के तस्करों का समर्थन करती हैं।

मादक पदार्थ का मामला मार्च 2015 में फाजिल्का के जलालाबाद में दर्ज किया गया था। खैरा के कथित करीबी सहयोगी गुरदेव सिंह सहित नौ लोगों पर मामला दर्ज किया गया था और बाद में उन्हें मादक पदार्थ पर रोकथाम संबंधी एनडीपीएस अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।

बाद में पुलिस जांच के दौरान खैरा का नाम सामने आया। हालांकि, 2017 में उच्चतम न्यायालय ने खैरा के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिन्हें मामले में अतिरिक्त आरोपी के रूप में तलब किया गया था। उन्हें 2015 के मादक पदार्थ मामले में धन शोधन के आरोप में 2021 में ईडी ने गिरफ्तार किया था। खैरा को 2022 में जमानत मिल गई थी।