अवैध रेत खनन मामला: 11 फरवरी तक बढ़ी सीएम चरणजीत चन्नी के भतीजे भूपिंदर हनी की रिमांड

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी 11 फरवरी तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहेगा। अदालत में ईडी ने दावा किया कि भूपेंद्र सिंह हनी ने पूछताछ में माना है कि अवैध खनन मामले में अधिकारियों के स्थानांतरण करवाकर करोड़ों रुपये की वसूली की है। इसके बारे में गहराई तक जाने की जरूरत है। पूछताछ और पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए हनी की रिमांड अवधि बढ़ाई जाए।

ईडी के अधिकारियों ने अदालत में तर्क दिया कि उसके व उसके सहयोगियों के पास से जब्त की गई करीब दस करोड़ रुपये की धनराशि पंजाब में अवैध रेत खनन व अधिकारियों के तबादलों के जरिए एकत्र की गई थी। किन अधिकारियों ने उसे अपने ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए पैसे दिए थे, ईडी ने इसकी बारीकी से जांच शुरू कर दी है। ईडी के राडार पर अधिकारी भी आ गए हैं।

हनी को केंद्रीय जांच एजेंसी ने 3 फरवरी को जालंधर से गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई पंजाब में रेत खनन में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की गई थी। पूछताछ में उसने कुबूल किया था कि उसने राज्य में अधिकारियों के तबादलों और रेत खनन के बदले 10 करोड़ रुपये नकद लिए थे। यह दावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एक बयान में किया था।

18 जनवरी को हनी और अन्य लोगों के खिलाफ छापे की कार्रवाई की थी और उनके परिसरों से 7.9 करोड़ नगद और हनी से जुड़े संदीप कुमार नामक व्यक्ति के यहां से करीब 2 करोड़ रुपये नगद जब्त किए थे।

एजेंसी ने कहा कि ईडी ने छापे के दौरान कुदरतदीप सिंह, भूपिंदर सिंह उर्फ हनी, हनी के पिता संतोख सिंह और संदीप सिंह के बयान रिकॉर्ड किए थे। इससे यह पता चला कि जब्त किए गए 10 करोड़ रुपये भूपिंदर सिंह के थे। इसके अलावा भूपिंदर ने यह भी स्वीकार किया कि जब्त रकम उसे अधिकारियों की तैनाती, तबादले और रेत खनन के बदले में मिली थी।