World Cancer Day: कैंसर से बचाव और क्या है लक्षण, जानें कब मनाया जाता है कैंसर दिवस?

4 फरवरी को World Cancer Day मनाया जाता है, यानि भारत में आज ‘विश्व कैंसर दिवस’ है। तो हम जानते हैं कि किस प्रकार कैंसर से बचा जा सकता है और दूसरों को भी कैंसर के प्रति जागरुक किया जा सकता है, इसके लिए संकल्प लें।

इडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की नेशनल सेंटर फॉर डिजिज इनफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) की साल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में देश में कैंसर के कुल 13.92 लाख केस सामने आए थे। वहीं इनमें से सबसे अधिक मामले 3.77 लाख मामले मुंह के कैंसर के हैं, और अधिकांश मरीजों का कारण तम्बाकू के सेवन करना बताया है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हर आठ मिनट में एक महिला की मौत का कारण गर्भाशय मुंह का कैंसर है। जबकि हर 13 मिनट में एक महिला की मौत का कारण ब्रेस्ट कैंसर माना गया है।

इसी के साथ भारत के कैंसर के कुल मामलों में से गुजरात के 69.66 हजार मामले हैं। माना जा रहा है कि गुजरात में साल 2025 तक कैंसर के नए 79.21 हाजर से अधिक मामले हो सकते हैं। अहमदाबाद शहरी कैंसर रजिस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार हर एक लाख की आबादी में से 98 पुरुष और 77 महिलाओं को कैंसर की पुष्टि हुई है।

जानें कैंसर के लक्षण क्या है।

कैंसर की बीमारी में, शरीर में अनियंत्रित रुप से शरीर के CELL बढ़ने लगते हैं। कैंसर मानव शरीर में कहीं भी शुरु हो सकता है। ये कोशिकाएं ट्यूमर का रुप ले लेती है। कैंसर दुनियाभर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। अध्यनों से पता चलता है कि फेफड़े, स्तन, कोलोरेक्टल, अग्नाशय और प्रोस्टेट का कैंसर का सबसे घातक रुप माना जाता है। सभी लोगों को कैंसर के लक्षणों पर विशेष घटना रखना चाहिए। यदि इनमें से दो-तीन लक्षण आपमें लगातार बने रहते हैं तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरुर ले लें।

  1. कैंसर के मरीज को त्वचा के नीचे असामान्य रुप से गांठ महसूस होता है।
  2. कैंसर के मरीज का शरीर का वजन कम होने लगता है।
  3. मरीज़ के शरीर में परिवर्तन, जैसे त्वचा का पीला  त्वचा में परिवर्तन, जैसे त्वचा का पीला पड़ना और
  4. कैंसर मरीज को लगी चोट जल्द ठीक नहीं होती ।
  5. कैंसर पीड़ित को लगातार खांसी या फिर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
  6. मरीज को खाना खाने के बाद खाना ना पचना या फिर बैचेनी महसूस होने लगती है।

कैंसर का ईलाज क्या है।

स्वास्थ्य विशेषत्रों के मुताबिक अगर आपके अंदर कैंसर के लक्षणों का संदेह है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह ज़रुर ले लें। जिन लोगों में कैंसर की पुष्टि होती है, उनके रोग के स्टेज के आधार पर इलाज की प्रक्रियाओं को प्रयोग में लाया जाता है। रोग की गंभीरता और स्टेज के आधार पर कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, दवाइयों और सर्जरी को प्रयोग में लाया जा सकता है। अगर समय पर कैंसर का पता चल जाता है तो रोगी की जान बचाना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।