नेहरू की हैट्रिक में बढ़ा मतदान प्रतिशत, मोदी की दूसरी पारी में बढ़ा, तीसरी हुआ कम

नेहरू की हैट्रिक में बढ़ा मतदान प्रतिशत, मोदी की दूसरी पारी में बढ़ा, तीसरी हुआ कम

चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : भारत को भले ही 15 अगस्त 1947 को आजादी मिल गई थी,लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में पहली लोकसभा का गठन कब हुआ था। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के शासन में शुरूआती तीन लोकसभा चुनाव में मतदान का क्या प्रतिशत था और नरेंद्र मोदी की लगातार दो पारी में मतदान प्रतिशत के क्या हालात था। अब तीसरी बारी में क्या समीकरण बने। इसे लेकर हमने राजनीतिज्ञ और हरियाणा विधानसभा से स्पेशल सचिव के पद से सेवानिवृत हुए रामनारायण यादव से खास बातचीत की।

हरियाणा विधानसभा के सेवानिवृत स्पेशल सचिव रामनारायण यादव ने देश के चुनावी इतिहास की जानकारी देते हुए बताया कि देश में पहली लोकसभा का गठन 15 अप्रैल 1952 में हुआ था। उस समय चुनावी प्रक्रिया में पूरे 122 दिन लगे थे। पहली लोकसभा में 489 सांसदों के लिए मतदान हुआ था। उस समय जवाहर लाल नेहरू ने कांग्रेस नेता के रूप में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। नेहरू के नेतृत्व में पहली लोकसभा में कांग्रेस के 364 सदस्य जीतकर आए थे। इसके बाद दूसरी लोकसभा में सांसदों की संख्या बढ़कर 505 हुई। इस बार नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने 371 सीट जीती। इसके बाद तीसरी लोकसभा के गठन में 508 सांसदों के लिए मतदान हुआ।

जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में इस बार भी चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस की सीट इस चुनाव में कम होकर 361 रह गई। आजाद भारत में पहली बार जीत की हैट्रिक लगाने वाले जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में पहली 2 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीट के साथ मतदान प्रतिशत भी लगातार बढ़ा। पहली लोकसभा गठन के लिए हुआ चुनाव में 44.87 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि दूसरी लोकसभा के चुनाव में यह बढ़कर 45.44 फीसदी पर पहुंच गया। तीसरी लोकसभा के चुनाव में भले ही कांग्रेस को 10 सीट का नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन इस दौरान मतदान प्रतिशत बढ़कर 61.04 प्रतिशत तक पहुंच गया।

पहले तीन लोकसभा चुनाव की तुलना नरेंद्र मोदी की दोहरी हैट्रिक और मौजूदा चुनाव से करते हुए रामनारायण यादव ने बताया कि 2014 में देश में 16वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव हुआ। इस समय तक लोकसभा की सीट बढ़कर 545 हो चुकी थी। बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। बीजेपी ने इस चुनाव में 545 में से 282 सीट हासिल की, जबकि मतदान का प्रतिशत 66.44 फीसदी रहा।

2019 में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए भी बीजेपी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी। इस बार भी नेहरू के दूसरे कार्यकाल की तरह बीजेपी की सीट और मतदान प्रतिशत दोनों में इजाफा हुआ। मोदी के नेतृत्व में लड़े इस दूसरे चुनाव में बीजेपी की सीट 282 से बढ़कर 303 पर पहुंच गई और मतदान का प्रतिशत भी 66.44 से बढ़कर 67.46 पर पहुंच गया और नरेंद्र मोदी आजाद भारत में पीएम पद की हैट्रिक लगाने वाले दूसरे नेता बने।

रामनारायण यादव ने बताया कि मौजूदा 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में 543 सांसदों के लिए मतदान हुआ। हालांकि बीजेपी इस चुनाव में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मैदान में उतरी हे। 18वीं लोकसभा के लिए कुल 75 दिन की चुनावी प्रक्रिया चली। इस बार 2019 के चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम होकर 65.50 प्रतिशत पर पहुंच गया।

21 से 18 हुई मतदान की आयु

लोकसभा चुनाव की शुरूआत के समय देश में मतदान करने की उम्र 21 वर्ष थी, जबकि मौजूदा समय में यह 18 वर्ष है। 18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में युवा वर्ग ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन इसके बावजूद मतदान प्रतिशत बढ़ने की बजाए कम हो गया, जबकि होना इससे उलट चाहिए था।