सब्जीवाले के करोड़पति ठग बनने की हैरतअंगेज दास्तान, घर बैठे-बैठे की काले धंधे से मोटी कमाई

Cyber Fraud: सब्जीवाले के करोड़पति ठग बनने की हैरतअंगेज दास्तान, घर बैठे-बैठे की काले धंधे से मोटी कमाई

कोरोना महामारी और लॉकडाउन वो समय जब बड़े-बड़े कारोबारियों का कारोबार ठप हो गया था. लेकिन ऐसे समय में एक सब्जीवाले ने कुछ ऐसा किया कि वो महज कुछ महीनों में ही करोड़पति बन गया.

गुरुग्राम का रहने वाला ऋषभ शर्मा कई सालों से सब्जी और फलों की दुकान लगाकर अपना घर चला रहा था और अपने परिवार को पाल रहा था, लेकिन कोरोना महामारी आई तो ये सहारा खत्म हो गया. लॉकडाउन में दुकान बंद हो गई, पैसों के लाले पड़ गए. खैर सब्जी की दुकान तो बंद हो गई लेकिन घर चलाने के लिए कुछ तो करना ही था. तब ऋषभ ने हालात से लड़ने के लिए एक नई राह चुन ली. एक ऐसी राह जो उसे पैसों के करीब तो ले गई, लेकिन उस राह का अंत बेहद खतरनाक था.

बेरोजगारी के दिनों में ऋषभ अपने एक पुराने दोस्त से मिला. तब उनके शातिर दिमाग में एक ऐसा खतरनाक प्लान बना कि दोनों ने मिलकर कई लोगों को करोड़ों का चूना लगा दिया. दोनों के उस कारनामे को जानकर आप भी दंग रह जाएंगे.

सबसे पहले बनाई एक होटल की वेबसाइट

दरअसल सबसे पहले दोनों ने मिलकर एक होटल की वेबसाइट तैयार की और होटल को नाम दिया गया मैरियट बॉनवॉय होटल. वेबसाइट में ये होटल एक बेहद आलीशान विदेशी होटल नजर आता था. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा कोई होटल था ही नहीं.

वेबसाइट इतनी अट्रैक्टिव थी कि अच्छा अच्छा आदमी धोखा खा जाए. इसके बाद इस होटल की तारीफ में अच्छे रिव्यू लिखने के लिए लोगों को 10 हजार रुपए भी दिए. अभी तक ऋषभ ने अपने इस काले कारोबार से एक चवन्नी भी नहीं कमाई थी.

जिसके बाद कनेक्ट हुए लोगों को होटल में इनवेस्ट करने के लिए कहा. लोग इसकी बातों में आने लगे. नए कस्टमर भी जुड़ने लगे क्योंकि इस वेबसाइट के काफी अच्छे रिव्यूज थे. लोगों को कहीं भी कोई फर्जीवाड़ा नहीं लगा. जिसके बाद काफी पैसा आने लगा.

विदेशों के साइबर क्रिमिनल्स से की दोस्ती

इस दौरान ऋषभ ने विदेशों के साइबर क्रिमिनल्स से भी दोस्ती करनी शुरू कर दी. चीन, सिंगापुर में इसने कई कंपनियों से कॉन्टेक्ट किया जो भारत में साइबर क्राइम फैलाने का काम करती हैं. कई शहरों में इसके एजेंट फैले हुए थे. जो लोगों को पेड रिव्यू के नाम पर वेबसाइट से जोड़ते थे और फिर उनसे धीरे-धीरे पैसे ऐंठते थे.

ये पैसा हवाले के जरिए विदेशों तक भी जाता था और ऋषभ के अकाउंट में भी आता था. ये काला कारोबार तीन साल तक चलता रहा. ये वही ऋषभ शर्मा था, जो फरीदाबाद की सड़कों पर दिन भर सब्जी बेचता था. अब उसके पास पैसा ऐशो आराम सब कुछ था लेकिन कहते हैं ना काले काम का अंत कभी कभी ना कभी जरूर होता है.

देहरादून में ठगी करने के बाद किस्मत ने पलटा पासा

इसी बीच इसने देहरादून के एक शख्स को भी अपने जाल में इसी तरह फंसाया. ये उस शख्स से 20 लाख रुपये ले चुका था, लेकिन बाद में ये गायब हो गया. देहरादून के इस शख्स ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई. जिसके बाद ऋषभ के अच्छे दिनों की उलटी गिनती शुरू हो गई.

पुलिस ने जांच शुरू की तो इस रैकेट के तार दूर-दूर तक जुड़ते नजर आए. पुलिस ने इसके बारे में जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि ये इन दिनों गुरुग्राम में रह रहा है. पुलिस ने छापा मारा और पिछले हफ्ते इसे गिरफ्तार किया गया. उसने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके खिलाफ 10 राज्यों में 37 केस दर्ज हैं.

इसके अलावा 855 केस में वो सह अभियुक्त है और 892 मामलों की जांच चल रही है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल वो गिरफ्त में है. इसलिए कहा जाता है कि मेहनत और ईमानदारी का पैसा ही इंसान को फलता है. लेकिन गलत तरीके के कारोबार का अंत एक ना एक दिन होता ही है.