प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यूपी के बलरामपुर में सरयू नहर नेशनल प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया। वहीं हसुआडोल गांव में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने CDS जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा कि जनरल रावत जहां रहेंगे, वहां से देश को आगे बढ़ते देखेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सभी वीर योद्धाओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का निधन, प्रत्येक देशभक्त के लिए एक क्षति है। वह बहादुर थे और उन्होंने देश के सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ी मेहनत की, देश इसका गवाह है।
ग्रुप कैप्टन के लिए प्रार्थना कर रहा देश-PM
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बचाने के लिए डॉक्टर मेहनत कर रहे हैं। मैं मां पाटेश्वरी से उनके स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं। देश इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है। जिन बहादुर सैनिकों ने हादसे में जान गंवाई, उनके परिवार के साथ भी भारतवासियों की दुआएं साथ हैं।
‘अयोध्या के साथ बलरामपुर के महाराजा याद किए जाएंगे’
मोदी ने आगे कहा कि जब भी हम अयोध्या में राम मंदिर की बात करेंगे। बलरामपुर रियासत के महाराजा पटेश्वरी प्रसाद सिंह के योगदान का उल्लेख भी किया जाएगा। बलरामपुर के लोग पारखी हैं। उन्होंने नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में 2 भारत रत्न दिए हैं।
भारत रुकने वाला नहीं है-PM
पीएम ने कहा कि भारत शोक में है, लेकिन दर्द में होते हुए भी हम अपनी रफ्तार नहीं रोकते, और न ही अपने विकास को। भारत रुकने वाला नहीं है। हम भारतीय मिलकर कड़ी मेहनत करेंगे और देश के अंदर और बाहर हर चुनौती का सामना करेंगे। हम भारत को ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा समृद्ध बनाएंगे।
पीएम ने राष्ट्रीय महत्व की योजनाएं पूरी कीं: योगी
प्रधानमंत्री से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 4 दशक से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना बजट, अंतर-विभागीय समन्वय के अभाव में रुकी हुई थी। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह परियोजना राज्य की खेती किसानी को समृद्ध करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने किसानों से संबंधित राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया है।
9 जिलों के 25 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
सरयू नहर परियोजना 10 हजार करोड़ की लागत से बनी है। इससे पूर्वांचल के 9 जिलों के 25 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा मिलेगा। परियोजना को पूरा होने में 4 दशक से ज्यादा लग गए। 1978 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इसका काम बहराइच जिले से शुरू हुआ। तब इसके लिए बजट 79 करोड़ रुपए रखा गया था।1982 में बलरामपुर सहित 9 जिलों को इस परियोजना से जोड़ा गया। सरकारें बदलती गईं, लेकिन 2017 तक केवल 52 प्रतिशत ही काम हो सका।