संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें चार यूक्रेनी शहरों पर रूसी कब्जे की निंदा की गई थी। कुल 143 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि पांच ने इसके खिलाफ वोट किया।
भारत सहित 35 से अधिक प्रस्ताव पर वोटिंग में शामिल नहीं हुए। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इसी तरह का एक प्रस्ताव पेश किया गया था जिस पर वोटिंग के दौरान रूस ने वीटो का इस्तेमाल किया था और भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था।
रूस यूक्रेन युद्ध पर भारत तटस्थ नीति का पालन कर रहा है इसलिए उसने इस मुद्दे से जुड़े पिछले कई प्रस्तावों पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है। रूस के लिए यह यूएनजीए में दूसरा बड़ा झटका है। अल्बानिया की तरफ से पेश किए गए निंदा प्रस्ताव पर रूस ने गुप्त वोटिंग की मांग की थी लेकिन 107 देशों ने सार्वजनिक वोटिंग के पक्ष में मतदान किया था।
बता दे पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार प्रांतों का रूस में विलय करने संबंधी कानून पर हस्ताक्षर किए। पुतिन के मुताबिक अब डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया रूस का हिस्सा हैं।