देखिए जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, लोगों का काम करने का तरीका भी बदल रहा है। पहले लोग लोन यानी कर्ज लकेर कोई भी काम करना पसंद नहीं करते थे, लेकिन अब तकरीबन हर काम लोन और ईएमआई पर ही चल रहा है।
देश में पिछले कुछ सालों में लोन लेने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। यही कारण है की अब लोन बड़ी आसानी से घर बैठे-बैठे एक ऐप पर मिल जाता है।
आपको अब पहले की तरह बैंक जाने की जरूरत नहीं है। अब मोबाइल एप्स भी आपको चंद मिनटों में लोन दे देती हैं। लेकिन इस डिजिटाइजेशन से लोन एप फ्रॉड की समस्या भी काफी बढ़ गई है।
सोचिए, अगर आपको साइबर फ्रॉड में 2 हजार के बदले 70 लाख गंवाने पड़ जाएं तो। क्या हुआ डर गए आप, लेकिन डरिए मत। आज हम इंस्टेंट लोन ऐप के ‘चक्रव्यूह’ से आपको आगाह कर रहे हैं।
कैसे होता है फ्रॉड
जब भी कोई मोबाइल ऐप के जरिये लोन लेता है, तो वह उस मोबाइल ऐप से मिले कस्टमर हेल्पलाइन पर फ़ोन करता है। जिसके बाद वे आपसे आपका महत्वपूर्ण डाटा ले लेते हैं और आप उनके चंगुल में फंस जाते हैं।
- कस्टमर: हेलो सर क्या आप फ़्लैश लोन से बात कर रहे हैं?
- फेक लोन ऐप: जी सर/मैम क्या सेवा कर सकते है हम आपकी?
- कस्टमर: एक्चुअली सर मुझे urgently लोन चाहिए 5 लाख रूपये का
- फेक लोन ऐप: Sure सर/मैम आपको मिल जाएगा। उसके लिए आपको कुछ इनफार्मेशन शेयर करनी होगी।
यही आपके लिए खतरे की घंटी है। जैसे ही आप अपनी डिटेल्स उनके साथ शेयर करेंगें, आप उनके फ्रॉड का शिकार हो जाएंगें। आपके अकाउंट में में लोन का पैसा आने की वजाय, आपका सारा पैसा उनके पास चला जाएगा।
पिछले कुछ समय से फर्जी लोन ऐप की मानो बाढ़ सी ही आ गई हैं। इन ऐप के जाल में लाखों लोग फंसे भी है। इंस्टेंट लोन ऐप के जरिये लोन देकर कई ऐप्स लोगों को अपने झांसे में ले लेती है।
लेकिन अब ऐसे एप्लीकेशन के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने के मूड में दिखाई दे रही है। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे लोन ऐप की Whitelist तैयार करके केंद्र सरकार को भेज दी है।
ताकि भरोसेमंद ऐप की पहचान करके फ्रॉड करने वाले ऐप के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सके। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि लोन देने में अग्रणी ऐप की लिस्ट तैयार करके सरकार को भेज दी गई है।
जिन ऐप का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है उनके खिलाफ आईटी मिनिस्ट्री कार्रवाई करने वाली है। शक्तिकांत दास ने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या गलत तरीके से लोन देने वाले ऐप से है।
जब भी ऐसे एप्स से संबंधित समस्या सामने आती है तो आरबीआई सरकार के साथ मिलकर बातचीत करती है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संबंधित मंत्रालयों के बीच भी कई बैठकें होती हैं। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाता है।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया के जरिये लोगों को लुभावने इंस्टेंट लोन का विज्ञापन देने को लेकर पिछले दिनों केंद्र सरकार ने चेतावनी जारी की थी। इनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात पहले भी की गई थी।
लेकिन सरकार के पास रजिस्टर्ड लोन ऐप की सूची नहीं थी। इसलिए कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन अब आईटी मंत्रालय ने लोगों के साथ लोन के नाम पर फ्रॉड करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर ली है।
पिछले कुछ सालों से डिजिटल लोन के जरिये फ्रॉड करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। एक अनुमान के अनुसार गलत तरीके से लोन देने का व्यापार 700-800 मिलियन डॉलर का हो सकता है। जिस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है।