लोकतंत्र के महापर्व का आगाज़ हुआ फीका, बिहार में हुई सबसे कम वोटिंग

लोकतंत्र के महापर्व का आगाज़ हुआ फीका, बिहार में हुई सबसे कम वोटिंग

लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व की शुरुवात थोड़ी फीकी हुई। पहले चरण की वोटिंग में किसी कारणवश लोग अपने घर से निकल कर मतदान केंद्र तक पहुंच नहीं पाए।

21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर कुल 62.37 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। अगर राज्यवर आंकड़े को देखें तो सबसे अधिक वोटिंग त्रिपुरा में 80.17 फीसदी हुई तो वहीं सबसे कम वोटिंग बिहार में 47.49 फीसदी ही हो पाई।

कई जगहों पर मतदाताओं ने नाराजगी की वजहों से मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया। तो मणिपुर, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में छिटपुट हिंसा भी देखने को मिली।

हालांकि, एक राज्य ऐसा भी रहा, जहां 6 जिलों में एक भी मतदाता ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया। पूर्वोत्तर के राज्य नागालैंड में अलग राज्य के मांगों को लेकर 6 जिलों के लोगों ने पूरी तरह वोटिंग का बहिष्कार किया।

दरअसल फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र’ की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का आह्वान किया गया था। जिसका असर भी देखने को मिला। मतदान कर्मी बूथों पर नौ घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन क्षेत्र के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया।

इस मामले पर नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि राज्य सरकार को ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन की एफएनटी की मांग से कोई समस्या नहीं है, क्योंकि वह पहले ही इस क्षेत्र के लिए स्वायत्त शक्तियों की सिफारिश कर चुकी है।

ईएनपीओ पूर्वी क्षेत्र के सात आदिवासी संगठनों का शीर्ष निकाय है। बता दें, ईएनपीओ छह जिलों वाले एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। साथ ही उसका आरोप है कि सरकारों ने इस इलाके में सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं किया है।

गौरतलब है कि, हिंसा ग्रस्त क्षेत्र होने के बावजूद मणिपुर में 68.62 फीसदी लोगों ने मतदान किया, तो वहीं पश्चिम बंगाल का चुनाव इस बार भयमुक्त वातावरण में हुआ। बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्र तक पहुंचे।

बंगाल में 77.57 फीसदी लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया। पहले चरण के मतदान की समाप्ति के बाद सभी राजनीतिक दलों ने जरूर जीत की हुंकार भरी।

लेकिन लोगों का घर से बाहर निकल कर मतदान ना करना भी एक बड़ी परेशानी बन कर सामने आई। अगर हम 2019 आम चुनाव से तुलना करें तो 2024 के वोटिंग परसेंटेज में काफी गिरावट हुई है।

हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव काफी लंबा चलना है। ऐसे में चुनाव आयोग और राजनीतिक दल कैसे वोटर्स को मतदान केंद्र तक ले जाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। गौरतलब है कि, वोटिंग 7 चरणों में होनी है और नतीजे 4 जून को आएंगे।