सरकार ने प्रॉपर्टी ID में किया बड़ा बदलाव, निकाय मंत्री ने खुद दी जानकारी

सरकार ने प्रॉपर्टी ID में किया बड़ा बदलाव, निकाय मंत्री ने खुद दी जानकारी

नकुल जसूजा, चंडीगढ़ : लोकसभा चुनाव में 5 सीट गंवाने के बाद हरियाणा सरकार अब पोर्टल में बदलाव के साथ जनहित के अन्य कामों को पूरा करने में जुट गई है। इसी कड़ी में पिछले लंबे अरसे से विवाद का कारण बनी प्रॉपर्टी आईडी में सरकार ने आज बदलाव की घोषणा की। स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने खुद पोर्टल में हुए बदलाव की जानकारी दी।

निकाय मंत्री ने बताया कि जिस किसी व्यक्ति की कृषि योग्य भूमि निगम के क्षेत्र में पड़ती है, अब उसे बेचने के लिए नो ड्यूज सर्टीफिकेट की कोई जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स और विकास चार्ज की भी जमा कराने की जरूरत नहीं होगी। पूरे प्रदेश में इस प्रकार की 2 लाख 52 हजार संपत्तियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा शहरी इलाकों में खाली पड़े प्लॉट का प्रॉपर्टी टैक्स और दूसरे शुल्क जमा कराने के बाद प्लॉट धारक उसे भी बेच पाएगा। सभी शुल्क जमा कराने के बाद व्यक्ति को प्लॉट बेचने के लिए एनडीसी जारी कर दिया जाएगा। इस प्रकार से प्रदेश में ऐसे 4 लाख 30 हजार लोगों को राहत मिलेगी।

खुद प्रमाणित कर कर बेच सकेंगे प्लॉट

निकाय मंत्री ने बताया कि गांवों में जिन व्यक्तियों की जमीन लाल डोरा में है। वह अपने खुद के प्रमाणित सर्टीफिकेट से अपनी उस जमीन को बेच सकेगा। हरियाणा में सरकार के इस फैसले के बाद 6 लाख 85 हजार लोगों को फायदा होगा। इसके साथ ही प्रदेश की 741 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया गया है।

इस फैसले के बाद इन कॉलोनियों में बनी 1 लाख 71 हजार 368 संपत्तियां बेचने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही 433 अन्य अवैध कॉलोनियों को वैद्य करने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है। इतना ही नहीं प्रदेश की एक लाख 17 हजार 705 संपत्तियों पर आपत्ति के चलते वह अपनी पेमेंट जमा नहीं करवा पा रहे थे। अब उन्हें भी पेमेंट जमा करवाने की अनुमति दे दी गई है।

मालिकाना हक के लिए नहीं पड़ेगा भटकना

सुभाष सुधा ने बताया कि अभी तक रजिस्ट्री के बाद उसके मालिकाना हक के लिए व्यक्ति को इधर-उधर भटकना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने पोर्टल में बदलाव किया है, जिसके बाद एचएसवीपी, एचएसआईआईडी या फिर तहसील कहीं पर कोई रजिस्ट्री होगी तो उसका रिकॉर्ड खुद ही संबंधित निगम या फिर परिषद में चला जाएगा, जिससे उसके खरीदार को मालिकाना हक लेने के लिए कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा।

साथ ही कई बार वसीयत के मामले में नोमिनी व्यक्ति को जमीन अपने नाम करवाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने फैसला लिया है कि वसीयत का लाभार्थी संबंधित निगम या परिषद के ईओ से मिलकर अपना काम करवा सकता है। इसके लिए ईओ की ओर से 30 दिन का एक नोटिस जारी किया जाएगा, जिसके बाद उस प्रॉपर्टी को संबंधित व्यक्ति के नाम ट्रांसफर कर दिया जाएगा। साथ ही पारिवारिक बंटवारे में अब बड़े प्लॉट की 50 गज तक की रजिस्ट्री भी हो पाएगी, जिससे आम जनता को काफी लाभ पहुंचेगा।