पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें, पिछले 11 महीनों में इमरान ख़ान पर दर्ज हुआ 80वां एफआईआर

पाकिस्तान में उड़ने वाले पक्षी बताते हैं कि पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. वहीं कुछ बाज लोगों का कहना है कि सितारे तो गर्दिश में ‘कप्तान’ के भी चल रहें है. इमरान खान के कप्तानी में पाकिस्तान पहली बार वर्ल्ड कप विजेता बनी थी. लेकिन राजनीति के कप्तानी में अभी तक कुछ कमाल नहीं कर पाएं है. गिनती के 1,332 दिन तक देश के प्रधानमंत्री रहें अगर इस साल में बदल दे तो 3 साल 7 महीने तक सेवा दी. वैसे तो इमरान खान के नाम पहली बार वर्ल्ड कप दिलाने का रिकॉड है लेकिन इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री है जिन्कों अविश्वास प्रस्ताव से हटाया गया है. वैसे तो पाकिस्तान में प्रधानमंत्रीयों को अजीबो गरिब तरिकों से हटाया गया है, सेना प्रमुख तो पाकिस्तान में कई बार सत्ता संभाली है. वैसे भी विदेश मामलों में पकड़ रखने वाले बताते है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री कोई बने राज तो आर्मी ही करती है. आर्मी का पाकिस्तान में “कोउ नृप होई हमै का हानि…”  वाला हाल है.

मतलब राजा ( प्रधानमंत्री ) कोई बने आर्मी को कुछ परेशानी नहीं है आर्मी का अपना स्वैग है. कुछ कुछ वॉलीवुड में अपने सल्लू भाई की तरह. पाकिस्तान में आर्मी और आर्मी चीफ के खिलाफ बोलना मतलब मुसीबत को दावत देने के बराबर है. कुछ जानकार बताते है कि पाकिस्तान में आर्मी सबके साथ बारी बारी से खेलती है और जब खेल खत्म हो जाती है तो उस खिलौने को आर्मी साइड कर देती है. इमरान खान भी कभी आर्मी के खास हुआ करते थे लेकिन वक्त बदला जज्बात बदले और दौनो के रास्तें अब अलग अलग है. पाकिस्तान में पिछली बार जब चुनाव हो रहा था तो आर्मी का हाथ इमरान खान के साथ था. उस वक्त पाकिस्तान के गलियों में एक नारे चलते थे ‘ये जो दहशतगर्दी है उसके पीछे वर्दी है’ उस वक्त के हालात पर वहां के परिंदे भी अपनी दबी जुबान में इमरान खान और आर्मी चीफ के दोस्ती की चर्चा असमान में किया करते थे. लेकिन प्यार जब एक तरफा होने लगे तो साथ चलना मुश्किल हो जाता है. जिस पत्थर को आर्मी ने तराशा वो पाकिस्तान का भगवान बनने निकल गया. इमरान खान मुस्लिम दुनिया के खलिफा बनने का सपना देखने लगे. इस तरह आर्मी और खान का प्यार टूट गया. 11 महीने हो गए और अब तक इमरान खान पर 80 मुकदमा दर्ज हो गया है.

इमरान खान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के प्रमुख है. इस बार इमरान खान पर हत्या और चरमपंथ के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. लाहौर पुलिस ने ये मामला पीटीआई की एक रैली के दौरान पुलिसतकर्मी और पीटीआई के कार्यकताओं के बीच टकराव के बाद ये मामला दर्ज किया गया था. इस टकराव में एक पीटीआई कार्यकता की मौत हो गई थी. साथ ही पत्थर बाजी की घटना हुई थी जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. इस पुरे मामले में 100 अन्य कार्यकाताओं पर भी एफआईआर दर्ज किया गया है. इस पुरे धटना क्रम पर पाकिस्तान के पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री और पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद ने कहा कि मृतक पीटीआई कार्यकर्ता के परिवार की शिकायत पर पुलिसकर्मीयों और उनके मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बजाए पुलिस ने 70 साल के इमरान खान के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है.