ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि दोषी ने अपने घृणित कार्य के कारण, जीने का अधिकार खो दिया है। उसनेे माना कि खान के खिलाफ साबित हुआ अपराध कोई सामान्य कार्य नहीं था, बल्कि राज्य के खिलाफ अपराध था। एक “खूंखार और अच्छी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी” की तरह जो किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है।
बता दें कि दोषी आरिज खान को 14 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था।