पाकिस्तान: इमरान खान और दो अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई स्थगित

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने अवमानना मामले में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य आरोपियों के पेश नहीं होने के बाद सुनवाई छह दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

आयोग की चार सदस्यीय समिति ने ईसीपी प्रमुख के अपमान के मामले की सुनवाई की।

आरोपियों में खान के अलावा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पूर्व नेता और संघीय मंत्री असद उमर व फवाद चौधरी शामिल हैं। सोमवार को सुनवाई के दौरान इन सभी पर आरोप तय किए जाने थे। हालांकि, वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ईसीपी अधिकरण ने सुनवाई छह दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में देश के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक पत्र को सार्वजनिक करने के लिए 71 वर्षीय खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस साल अगस्त में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

गृह सचिव आफताब अकबर दुर्रानी सुनवाई के दौरान मौजूद थे क्योंकि 24 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस सुरक्षा कारणों से खान को अधिकरण के सामने पेश नहीं कर पाई थी, जिसके बाद दुर्रानी को अधिकरण के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

जेल में सुनवाई के बारे में पूछे जाने पर, गृह सचिव ने कहा कि इस बारे में ईसीपी को निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय को अडियाला जेल में सुनवाई पर कोई आपत्ति नहीं है, जहां फिलहाल खान को रखा गया है।

चौधरी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल भी अडियाला जेल में हैं। वकील ने बताया कि एक अलग मामले में अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

नौ मई को हुई हिंसा के मद्देनजर पार्टी छोड़ने वाले उमर और चौधरी मुख्य निर्वाचन आयुक्त और ईसीपी से माफी मांग चुके हैं।

पाकिस्तान में फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे इमरान खान के समर्थकों पर पुलिस ने कार्रवाई की

पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का झंडा लेकर फलस्तीन के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए उनके समर्थन में देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे कई समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

पार्टी ने कहा कि पुलिस ने शुक्रवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कम से कम 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया, जो फलस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए लाहौर, इस्लामाबाद, वेहारी, मुल्तान और गुजरांवाला शहरों में एकत्र हुए थे।

विभिन्न धार्मिक दलों ने देश भर में फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किए, लेकिन केवल पीटीआई के झंडे रखने वालों को हिरासत में लिया गया।

पीटीआई ने सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल और देश के विभिन्न हिस्सों में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की गैरकानूनी हिरासत की कड़ी निंदा की है, जो युद्ध से तबाह और घिरे फलस्तीनियों के लिए एकजुटता और समर्थन व्यक्त कर रहे थे।

पीटीआई के एक प्रवक्ता ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल को शर्मनाक बताया। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि नागरिकों को उत्पीड़ित फलस्तीनियों के प्रति एकजुटता और समर्थन व्यक्त करने और पीटीआई के झंडे ले जाने के एकमात्र अपराध के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में खान को सत्ता से बेदखल करने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध के तहत लगातार की जा रही दमनकारी कार्रवाई के तहत इसे किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे लोकप्रिय पार्टी को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार से वंचित करना शर्मनाक और निंदनीय है।’’

उन्होंने अधिकारियों के दोहरे मानदंड अपनाने को लेकर उन पर निशाना साधा।

भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी की प्रतिक्रिया में मई की शुरुआत में पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद से पार्टी को सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई है।

इमरान खान सहित कथित तौर पर 10,000 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ता जेल में हैं।

इमरान खान को उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश

पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पंजाब प्रांत की अटक जेल से रावलपिंडी शहर में स्थित उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में स्थानांतरित करने का सोमवार को आदेश दिया। खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने यह जानकारी दी।

पीटीआई ने अगस्त में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर कर खान की समृद्ध पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक और राजनीतिक रूतबे को ध्यान में रखते हुए उन्हें अदियाला जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था, जहां ‘ए’ श्रेणी की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

पार्टी ने कहा कि आईएचसी ने मामले की सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया।

इमरान खान के 100 से अधिक समर्थकों को रिहा करने का पाकिस्तान की अदालत ने आदेश दिया

पाकिस्तान की अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के 120 से अधिक समर्थकों को रिहा करने का आदेश दिया। बता दें 9 मई को पूर्व PM की गिरफ्तारी के बाद भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद इन सभी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।

बताए आपको लाहौर कोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं को रिहा करने का निर्देश दिया है। इन लोगों को 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिरासत में लिया गया था।