राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री अधिक है। यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री अधिक है। यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दी।
इस सप्ताह के प्रारंभ में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि यदि एक्यूआई 450 के पार चला जाता है तो सम-विषम योजना को लागू किया जा सकता है। वर्ष 2016 से यह योजना चार बार लागू की जा चुकी है। पिछली बार 2019 में यह योजना लागू की गयी थी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार यानि आज दिल्ली सचिवालय में बैठक बुलाई है।
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने की कोशिशें भी जारी है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ग्रेप-फोर (GRAP-4) के नियम जारी रहेंगे।
दिवाली के बाद एक बार फिर से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली-NCR में आज भी एयर क्वालिटी इंडेक्स
एनडीएमसी (NDMC) ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक बड़ा फैसला लिया है। लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग शुल्क दोगुना करने का फैसला लिया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब श्रेणी में दर्ज हुआ है।
शनिवार को एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 170 दर्ज किया गया। बारिश ने 10 दिनों से ज्यादा वक्त से छाई घुटन भरी धुंध को साफ कर दिया।
शहर का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स शाम चार बजे दर्ज किया गया जो 279 रहा। गुरुवार को ये 437 और बुधवार को 426 दर्ज किया गया था।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को लेकर सर्वोच्च न्यायलय ने सख्त रवैया अपनाते हुए राज्य सरकार को कड़े निर्देश दिए है। कोर्ट ने कहा कि, हम नतीजे देखना चाहते है, हर साल जब हम दखल देते है तभी यह विषय चर्चा में आता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों के मुताबिक, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के योगदान को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, हवा की धीमी गति इस प्रक्रिया पर विपरीत असर डालेगी।