प्रदूषण के कारण श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच विश्व कप मैच पर छाए अनिश्चितता के बादल

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारण श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच सोमवार को यहां होने वाले विश्व कप मैच पर अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं और यह देखना होगा कि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है या मैच को। जहरीली धुंध ने राष्ट्रीय राजधानी को अपने आगोश में ले रखा… Continue reading प्रदूषण के कारण श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच विश्व कप मैच पर छाए अनिश्चितता के बादल

वायु प्रदूषण से टाइप-दो मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है: भारतीय अध्ययन में पता चला

एक भारतीय अध्ययन से पता चला है कि वायु प्रदूषण के कारण टाइप-2 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ‘बीएमजे ओपन डायबिटीज रिसर्च एंड केयर’ जर्नल में प्रकाशित यह भारत में अपनी तरह का पहला अध्ययन है।

दिल्ली और चेन्नई में किये गये अध्ययन में पाया गया कि उच्च मात्रा में महीन प्रदूषित कणों (पीएम 2.5- बालों के एक रेशे का 30वां हिस्सा पतला) वाली हवा में सांस लेने से रक्त शर्करा (ब्ल्ड शुगर) का स्तर बढ़ गया और टाइप-2 मधुमेह से ग्रस्त होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई।

टीम ने 2010 से 2017 तक 12,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं के एक समूह पर परीक्षण किया और समय-समय पर उनके रक्त शर्करा के स्तर को मापा। इस टीम में ‘सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल’ के शोधकर्ता भी शामिल थे।

उन्होंने उस दौरान प्रत्येक प्रतिभागी के इलाके में वायु प्रदूषण का पता लगाने के लिए उपग्रह डेटा और वायु प्रदूषण मापने वाले उपकरणों का भी उपयोग किया।

अध्ययन से पता चला कि एक महीने तक पीएम-2.5 के संपर्क में रहने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ गया और एक वर्ष या उससे अधिक समय तक इसके संपर्क में रहने से मधुमेह का खतरा बढ़ गया।

इसमें यह भी पाया गया है कि दोनों शहरों में वार्षिक औसत पीएम2.5 स्तर में प्रत्येक 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि हुई, जिससे मधुमेह का खतरा 22 प्रतिशत बढ़ गया।

शोधकर्ताओं की टीम में ‘पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, नयी दिल्ली’, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमोरी यूनिवर्सिटी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन, चेन्नई के शोधकर्ता भी शामिल थे।

प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए उपायों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण पर एक उच्च स्तरीय कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की और आगामी सर्दी के मौसम के मद्देनजर प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के मुद्दे से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएमओ में बैठक के दौरान मिश्रा ने चरणबद्ध कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) के कार्यान्वयन, इसकी निगरानी और इसे लागू करने में सुधार के उपायों पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता खराब होने से रोकने के लिए सभी संबंधित हितधारकों द्वारा जीआरएपी के तहत सूचीबद्ध कार्यों का सख्ती से कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।

बयान में कहा गया कि यह बैठक सर्दियों के मौसम के निकट आते ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई।

बैठक में मिश्रा ने औद्योगिक प्रदूषण, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, निर्माण एवं तोड़फोड (सी एंड डी) गतिविधियों से निकलने वाली धूल, सड़कों पर उड़ने वाली धूल, ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) को जलाने समेत विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए किये जा रहे विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाली एवं पौधरोपण से जुड़ी पहल पर भी विचार-विमर्श किया गया।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष एम.एम. कुट्टी ने बताया कि एनसीआर के उद्योगों को स्वच्छ ईंधन की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है और 240 औद्योगिक क्षेत्रों में से 211 को पहले ही सीएनजी कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। इसी तरह, 7,759 ईंधन-आधारित उद्योगों में से 7,449 पीएनजी या अनुमोदित ईंधन पर स्थानांतरित किये जा चुके हैं।

कुट्टी ने यह भी बताया कि ई-वाहनों में वृद्धि हुई है और वर्तमान में एनसीआर में 4,12,393 ई-वाहन पंजीकृत हैं। ई-बसों और बैटरी चार्जिंग स्टेशन की संख्या भी बढ़ी है तथा अब दिल्ली में 4,793 ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं।

निर्माण और तोड़फोड़ संबंधी गतिविधियों से निकलने वाले मलबे के प्रबंधन के संबंध में, सीएक्यूएम ने सूचित किया कि 5150 टन प्रति दिन (टीपीडी) की क्षमता वाली पांच मलबा प्रसंस्करण सुविधाएं चालू हैं और 1000 टीपीडी क्षमता वाली एक और सुविधा दिल्ली में शीघ्र चालू होगी।

बयान में कहा गया कि हरियाणा में 600 टीपीडी क्षमता वाली सी-एंड-डी सुविधाएं चालू हैं और 700 टीपीडी क्षमता वाली सुविधाएं शुरू की जाएंगी। उत्तर प्रदेश में, 1300 टीपीडी वाली मलबा प्रसंस्करण सुविधाएं संचालित की जा रही हैं और दो सुविधाएं चालू की जाएंगी। सभी राज्यों से सी-एंड-डी मलबा प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने की घटनाओं में कमी सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने इन तीनों ही राज्यों के मुख्य सचिवों को इस पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए।

चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव ने बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया जिसमें कई उपाय शामिल थे, जैसे कि बायोमास पेलेट की खरीद, विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी बेंचमार्क मूल्य को अपनाना, मार्च 2024 तक पूरे एनसीआर क्षेत्र में गैस अवसंरचना का विस्तार करना एवं आपूर्ति करना तथा मांग पर बायोमास की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करना।

दिल्ली की जनता के लिए राहत की खबर, कई महीने बाद AQI में दर्ज हुई गिरावट

दिल्ली में मौसमी तब्दीली के साथ प्रदूषण से भी कुछ राहत देखने को मिली है। मध्यम गति की हवा चलने और तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर घटा है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में बीते 24 घंटे में एयर… Continue reading दिल्ली की जनता के लिए राहत की खबर, कई महीने बाद AQI में दर्ज हुई गिरावट

नहीं सुधर रहा दिल्ली का AQI, हवा की गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब

सर्दी के आगमन के साथ-साथ खराब वायु गुणवत्ता के साथ दिल्ली आज स्मॉग की चपेट में आ गई। दिल्ली की हवा अभी भी सांस लेने के अनुकूल नहीं हुई। रविवार 11 दिसंबर को वातावरण में धुंध की चादर छाई हुई है। वहीं, वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी दर्ज किया गया है। बता दें कि… Continue reading नहीं सुधर रहा दिल्ली का AQI, हवा की गुणवत्ता अभी भी बेहद खराब

कई सालों के बाद नवंबर में सबसे साफ रही हवा, AQI में दर्ज की गई कमी

नवंबर का यही वह समय है जो सबसे ज्यादा प्रदूषित रहता है। इसे मौसम की मेहरबानी कहें या कुछ और, लेकिन वायु गुणवत्ता के लिहाज से आठ वर्षों के दौरान यह नवंबर दूसरा सबसे साफ माह रहा है। इस महीने में औसत एक्यूआइ में भी कमी दर्ज की गई है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार… Continue reading कई सालों के बाद नवंबर में सबसे साफ रही हवा, AQI में दर्ज की गई कमी