पाकिस्तानी मंगेतर जवेरिया को कोलकाता का ‘स्ट्रीट फूड’ चखाएगा समीर

पाकिस्तानी मंगेतर जवेरिया को कोलकाता का 'स्ट्रीट फूड' चखाएगा समीर

कोलकाता में अपने मंगेतर से शादी रचाने के लिए पाकिस्तान से भारत पहुंचीं जवेरिया खानम भारत के खान-पान और यहाँ के लोगों की खातिरदारी से परिचित नहीं है। जवेरिया कोलकाता के प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड ‘पुचका’ का स्वाद चखने के लिए बेताब हैं।

‘पुचका’ को भारत के अन्य स्थानों पर ‘पानी पुरी’ कहा जाता है। ‘पुचका (पानी पुरी)’ को कोलकाता में अलग तरीके से और अलग मसालों के साथ बनाया जाता है।

जवेरिया खानम के मंगेतर समीर खान ने कहा कि वह बहुत खुश हैं, क्योंकि उनकी मंगेतर को उनके परिवार, पड़ोसियों और यहां तक कि अनजान लोगों से भी स्नेह मिल रहा है, जिससे वह घर जैसा महसूस कर रही है।

दोनों अगले महीने करेंगें शादी

दोनों अगले महीने शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। समीर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं बहुत राहत महसूस कर रहा हूं और मुझे बहुत खुशी हो रही है कि हमें हमारे देश, राज्य और शहर के लोगों ने स्वीकार कर लिया है।

मंगलवार को जवेरिया के अमृतसर से कोलकाता पहुंचने के बाद से ही घर पर बधाई संदेश से भरे फोन कॉल आने लगे हैं। मेरे दोस्त, परिचित और रिश्तेदारों के आने का सिलसिला जारी है।

कराची की रहने वाली खानम 5 दिसंबर को पंजाब के अमृतसर जिले की अटारी सीमा पारकर भारत आई थी। जहां समीर और उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने ‘ढोल’ बजाकर जवेरिया का स्वागत किया था।

समीर ने कहा कि वह जवेरिया के साथ शहर का प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड ‘पुचका’ (पानी पुरी) खाने के अलावा, उसे पार्क स्ट्रीट भी ले जाएगा। ताकि वह उन भोजनालयों से भी परिचित हो सके, जहां मुझे जाना पसंद है।

2018 में हुआ था प्यार

समीर यह भी देखना चाहता है कि जवेरिया कोलकाता की बिरयानी पर कैसी प्रतिक्रिया देती हैं। कोलकाता निवासी समीर को 2018 में अपनी मां के मोबाइल फोन पर खानम की फोटो देखकर उससे प्यार हो गया था। उस वक्त वह जर्मनी में पढ़ाई कर रहा था और घर आया हुआ था।

समीर ने कहा कि मैं जनवरी में जवेरिया के साथ शादी के बंधन में बंधने का इंतजार कर रहा हूं। जर्मनी, अफ्रीका, स्पेन, अमेरिका और अन्य देशों से उनके दोस्तों के शादी में शामिल होने की भी संभावना है।

जवेरिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्हें 45 दिन का वीजा दिया गया है। उन्होंने दो बार वीजा पाने की कोशिश की, लेकिन तीसरी बार वह भाग्यशाली रहीं। वह इसके लिए केंद्र सरकार की आभारी हैं।