पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने बेअदबी के दोषियों को सजा देने से संबंधित विधेयकों को मंजूरी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह विधेयक 2018 से लंबित हैं।
डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा
पवित्र धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में दोषियों को सख्त सजा देने के लिए पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मांग की है कि पंजाब विधानसभा द्वारा पारित बिलों को मंजूरी दी जाए। पत्र में रंधावा ने लिखा है ‘मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि पंजाब में पवित्र ग्रंथों की बेअदबी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सिखों की तरफ से एक जीवित गुरु माना जाता है, न कि कोई वस्तु। सिख मर्यादा के अनुसार, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सम्मान दिया जाता है। इस संदर्भ में यह महसूस किया गया कि भारतीय दंड संहिता-1860 की धारा 295 और 295-ए की मौजूदा धाराएं, जिनमें तीन साल तक की सजा की व्यवस्था है, इस स्थिति से निपटने के लिए काफी नहीं हैं।’
रंधावा, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने पत्र में आगे लिखा है कि पंजाब विधानसभा ने ‘इंडियन पीनल कोड (पंजाब संशोधन) बिल-2018 और दी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (पंजाब संशोधन) बिल-2018 पास किया, जिसमें लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब, श्रीमद्भागवत गीता, पवित्र कुरान और पवित्र बाइबल की बेअदबी, किसी को चोट या नुकसान पहुंचाने वाले के लिए उम्रकैद तक की व्यवस्था की गई है। इन बिलों को पंजाब के राज्यपाल की तरफ से 12 अगस्त, 2018 को मंजूरी दी गई थी। हालांकि यह बिल मंजूरी के लिए भारत के राष्ट्रपति के पास अक्तूबर, 2018 से लंबित हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के सरहदी राज्य होने के कारण यहां सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना बेहद जरूरी है, इसलिए बेअदबी की घटनाओं से सद्भावना को भंग करने की कोशिश करने वालों के लिए सख्त सजा लाजिमी है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की है कि उक्त बिलों के लिए राष्ट्रपति की सहमति जल्द से जल्द प्राप्त की जाए और राज्य सरकार को सौंप दी जाए।