जब्ती के मामले में पंजाब राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर: सीईओ सिबिन सी

जब्ती के मामले में पंजाब राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर: सीईओ सिबिन सी

चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को बनाए रखने के ठोस प्रयास के तहत, पंजाब में प्रवर्तन एजेंसियों ने सख्त अभियान चलाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 1 मार्च से अब तक 609.38 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातुएं और मुफ्त उपहार जब्त किए गए हैं।

पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सिबिन सी ने बताया कि 1 मार्च से अब तक जब्त की गई वस्तुओं में 11.2 करोड़ रुपये की नकदी, 18 करोड़ रुपये मूल्य की 27.95 लाख लीटर शराब, 563.53 करोड़ रुपये मूल्य की नशीली दवाएं, 14.94 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती धातुएं और 1.69 करोड़ रुपये मूल्य की मुफ्त वस्तुएं शामिल हैं, जो कुल मिलाकर 609.38 करोड़ रुपये हैं। 

राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर पंजाब

जब्ती के मामले में पंजाब राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर है, जबकि तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 24 प्रवर्तन एजेंसियां ​​सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक सभी एजेंसियों द्वारा कुल 514.81 करोड़ रुपए की जब्ती की गई है। 

पंजाब पुलिस ने राज्य में सबसे अधिक 404.2 करोड़ रुपये की जब्ती की है, जिसके बाद सीमा सुरक्षा बल ने 23 करोड़ रुपये, आयकर विभाग ने 9.28 करोड़ रुपये, राज्य आबकारी विभाग ने 8.29 करोड़ रुपये, राज्य माल एवं सेवा कर विभाग ने 5 करोड़ रुपये, सीमा शुल्क विभाग ने 4.37 करोड़ रुपये तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 2.54 करोड़ रुपये की जब्ती की है।

जिलों में जालंधर 141.25 करोड़ रुपये की जब्ती के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद अमृतसर 93.96 करोड़ रुपये, तरनतारन 59.55 करोड़ रुपये, फिरोजपुर 54.58 करोड़ रुपये तथा फाजिल्का 42.1 करोड़ रुपये की जब्ती के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

कर्मियों की सराहना भी की

सीईओ ने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन कर्मचारियों के एकीकृत समर्पण की पुष्टि की।  संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया में ईमानदारी और पारदर्शिता के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने इसमें शामिल सभी कर्मियों के अटूट परिश्रम की सराहना की, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखने और मतदाताओं का विश्वास बनाए रखने की अपनी प्रतिज्ञा में दृढ़ हैं।