SYL मुद्दे पर बेनतीजा रही पंजाब-हरियाणा सीएम की बैठक, निर्माण और पानी को लेकर नहीं बनी कोई सहमति

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पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL) विवाद के समाधान के लिए शुक्रवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल के निर्माण तथा पानी को लेकर कोई सहमति नहीं हो सकी।

उन्होंने कहा, “हम पानी को लेकर नहीं नहर बनाने पर अपनी बात कर रहे थे जो पंजाब को मान्य नहीं। अब हम अपनी रिपोर्ट केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र शेखावत को देंगे और उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे।”

वहीं, दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पत्रकारों से कहा, “हमने अपना पक्ष मजबूती से रखा लेकिन हरियाणा एसवाईएल को बनाने पर अपनी बात पर अड़ा रहा। हम साफ कह चुके हैं कि जब पानी ही नहीं तो नहर निर्माण की जरूरत कहां। सालों पहले जब पानी को लेकर समझौता हुआ था, तब पंजाब के पास 18 एमएफ पानी था, जो अब 12 क्यूसिक रह गया है। अब सतलुज और ब्यास दरिया नदियां बनकर रह गयीं हैं, उनमें जल स्तर काफी कम हो गया है जिसमें से किसी अन्य राज्य को देना असंभव है।”

उन्होंने कहा कि पंजाब के पास सरप्लस पानी नहीं। पानी का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया जिससे ज्यादातर जिले डार्क जोन घोषित किये जा चुके हैं। पंजाब के पास कुल 27 प्रतिशत पानी है तथा 73 फीसदी जमीन से निकाला जा रहा।

उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष रखेंगे। सीएम मान ने कहा कि उन्होंने कई दिनों से बैठक को लेकर होमवर्क किया था और मजबूती से तथ्यों पर आधारित अपनी पक्ष रखा। इससे पहले किसी ने भी ऐसा नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जल संबंधी सारे समझौते रद्द कर दिये थे। केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी। हरियाणा में चुनाव आने से पहले केन्द्र ने राष्ट्रपति से सुझाव मांग लिया। पानी के समझौते 25 साल बाद रिव्यू किए जाते हैैं, लेेकिन इसे नहीं किया गया।

बता दें कि पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच SYL मुद्दे पर करीब दो घंटे तक बैठक चली। ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसवाईएल विवाद के समाधान के लिए आज दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई लेकिन दोनों ने साफ कर दिया कि वह अपने राज्याें के हिताें से कोई समझौता नहीं करेंगे।