पंजाब सरकार को मिली बड़ी सफलता, घायल किसान को हरियाणा से भेजा गया चंडीगढ़

पंजाब सरकार को मिली बड़ी सफलता, घायल किसान को हरियाणा से भेजा गया चंडीगढ़

किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, 29 फरवरी तक किसान संगठनों ने दिल्ली कूच के प्लान को स्थगित कर दिया है।

इस आंदोलन के के दौरान कई किसानों की मौत पर भी बवाल मचा हुआ है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस के द्वारा किए गए बलप्रयोग पर भी पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार आंदोलन के पहले दिन से किसानों के साथ खड़ी नज़र आ रही है। इस बीच पंजाब सरकार को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

खनौरी बार्डर पर घायल किसान प्रीतपाल को रोहतक पी.जी.आई. से चंडीगढ़ पी.जी.आई. में दाखिल करवाया गया है। इससे पहले प्रितपाल का इलाज रोहतक के पी.जी.आई. अस्पताल में चल रहा था।

पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार को प्रीतपाल को पंजाब को सौंपने की मांग की थी। इसके लिए पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को चिट्ठी लिखकर प्रीतपाल को पंजाब को सौंपने की मांग की थी।

पंजाब सरकार चाहती थी कि प्रितपाल को वापिस बुलाकर उसका राज्य में ही मुफ्त इलाज हो। बीते दिन पंजाब हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था।

साथ ही हाईकोर्ट ने प्रीतपाल की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी। हालांकि, प्रितपाल का स्वास्थ्य अब सामान्य बताया जा रहा है। बता दें, इससे पहले भी युवा किसान शुभकरण के मौत पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हरियाणा पुलिस के प्रति नाराज़गी जाहिर की थी।

साथ ही उन्होंने कहा था कि वो इस मामले की जांच करवाएंगे और जो इसमें लिप्त पाया जाएगा। उसे कठोर सजा भी दिलवाएंगे। जानकारी के अनुसार, 21 वर्षीय शुभकरण की मौत गोली लगने से हो गई थी।

पंजाब सरकार ने शुभकरण के परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने का एलान किया था। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान शुरू से किसानों के पक्ष में नज़र आये हैं।

यही कारण है कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच उन्होंने पुल का काम किया है। उन्होंने लगातार कोशिश की है कि बातचीत से समस्या का हल हो जाये।

साथ ही उन्होंने किसानों को दिल्ली कूच का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो उन्हें हरियाणा पुलिस क्यों रोक रही है?

गौरतलब है कि किसान संगठन पिछले 15 दिनों से अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डंटे हुए हैं। सरकार से उनकी कई दौर की बातचीत भी हुई लेकिन कोई समाधान निकलता नहीं दिखाई दे रहा है।

हालांकि, सरकार ने किसानों को एकबार फिर बातचीत का न्योता भेजा है। लेकिन किसानों के ओर से अभीतक इसका जवाब नही आया है। इस बीच सोमवार को किसानों ने हाइवे पर ट्रैक्टर उतार कर अपना विरोध दर्ज करवाया।

साथ ही WTO के कारण भारत के किसानों को क्या नुकसान होगा, यह भी लोगों को बताया। बता दें, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता की है।

उनका भी यह मानना है कि किसानों की मांगों को सरकार को सुनना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार किसानों की सभी मांगो को मनाने को तैयार नहीं है।