पंजाब को भ्रष्टचारमुक्त करने की वचनबद्धता दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यवासियों को रिश्वत मांगने वालों के नाम सार्वजनिक करने की अपील करते हुए कहा कि ऐसे भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ सरकार कठोरतम कार्रवाई करेगी।
तहसील कार्यालय और सुविधा केंद्र का औचक दौरा करने के मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए गुरुवार को सीएम मान ने कहा कि भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो भी काम करने के बदले रिश्वत मांगता और इसकी शिकायत आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार ने रिश्वतखोराें के बारे में सूचित करने के लिए एक व्यवस्था बनाई है। उन्होंने लोगों से ऐसे कर्मचारियों के नाम सामने लाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास कर रही है ताकि लोगों को प्रशासनिक सेवाएं हासिल करने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि 70 सालों की उलझी व्यवस्था को ठीक किया जा रहा है। आने वाले समय में बड़े सुधार देखने को मिलेंगे। अवैध कॉलोनियों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी परिवार को बेघर नहीं करेंगे और सरकार कॉलोनाइजरों के साथ बातचीत कर रही है।
सीएम मान ने कहा कि पिछली सरकारों की गलतियों का जनता कोपभाजन नहीं बनेगी। वहीं, धान खरीद प्रक्रिया पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया और कहा कि पहली बार हुआ कि कुछ घंटों के अंदर ही किसानों के खातों में भुगतान हो रहा है।सरकार ने इस बार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों से धान का एक दाना भी पंजाब में आने नहीं दिया, जिस कारण खरीद प्रक्रिया सुचारु ढंग से चल रही है।
इसके अलावा पराली जलाने से प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम मान ने कहा कि यह मुद्दा अकेले पंजाब का नहीं बल्कि उत्तरी भारत का मसला है लेकिन केंद्र सरकार राज्य के मेहनतकश किसानों को कसूरवार ठहरा कर घटिया स्तर की राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वातानुकूलित कमरों में बैठे लोगों को ज़मीनी हकीकतों को नहीं समझते। उन्होंने कहा कि हवा के गुणवत्ता सूचकांक में अधिक प्रदूषण वाले शहरों में हरियाणा के फरीदाबाद और चरखी दादरी का नाम भी आता है लेकिन कसूरवार सिर्फ पंजाब को ठहराया जा रहा है।
वहीं, सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार से मांग की कि सांझे मसले को सांझी जिम्मेदारी के साथ ही सुलझाया जा सकता है, किसी एक राज्य को जिम्मेदार बता कर मसले का हल नहीं होगा।