चिंतन शिविर में बोले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- देश की अखंडता से भी जुड़े हैं राज्य, एजेंसियों का करें सहयोग

हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर का आज आखिरी दिन है। पहले दिन गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन के साथ इस चिंतन शिविर की शुरुआत की। जिसके बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेशों के गृहमंत्रियों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज कल देश में उत्सव का माहौल है। ओणम, दशहरा, दुर्गापूजा और दीपावली सहित अनेक उत्सव शांति और सौहार्द के साथ देशवासियों ने मनाएं हैं। अभी छठ पूजा सहित कई अन्य त्योहार भी हैं। विभिन्न चुनौतियों के बीच इन त्योहारों में देश की एकता का सशक्त होना, आपकी तैयारियों का भी प्रतिबिंब है।

आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी।

संविधान में भले कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है, लेकिन ये देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं, हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें। देश की बेहतरी के लिए काम करें, ये संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है।

जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक, हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा। यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है। इसमें आप सभी की बहुत बड़ी भूमिका है।

कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है, इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।

साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।

बीते वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है। बीते वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों ने भी देश में कानून व्यवस्था को मजबूत किया है, आतंकवाद हो, हवाला नेटवर्क हो, भ्रष्टाचार हो, इसपर देश ने अभूतपूर्व शक्ति दिखाई है, लोगों में विश्वास पनपने लगा है।

कानून व्यवस्था को बनाए रखना, एक 24*7 वाला काम है। लेकिन किसी भी काम में ये भी आवश्यक है कि हम निरंतर प्रक्रियाओं में सुधार करते चलें, उन्हें आधुनिक बनाते चलें।