पंजाब में अभी भी लोगों को नहीं मिलेगी गर्मी से राहत, कब होगी बारिश?

पंजाब में अभी भी लोगों को नहीं मिलेगी गर्मी से राहत, कब होगी बारिश?

पंजाब में लोगों को 3 से 4 दिन तक गर्मी का सितम झेलना पड़ सकता है। क्योंकि आसमान साफ ​​होने से सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ेंगी और तापमान में बढ़ोतरी होगी। साथ ही लू का प्रकोप भी बढ़ेगा।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. पीके किंगरा ने बताया कि मानसून की सक्रियता में थोड़ी रुकावट आई है, लेकिन मौसम में बदलाव आएगा। इस समय पहाड़ों पर कोई मौसमी सिस्टम भी सक्रिय नहीं है।

ऐसे में एक बार फिर लोगों को दोपहर में गर्मी का सितम झेलना पड़ सकता है। अगर रात के तापमान की बात करें तो दिन और शाम के समय हवा में नमी की मात्रा कम होने से न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है।

लोगों को रात में भी गर्मी का सितम झेलना पड़ रहा है। बुधवार को भी सुबह से ही सूरज की तपिश ने लोगों को परेशान किया। दोपहर में चल रही गर्म हवाओं से हर कोई परेशान नजर आया।

बुधवार को दिन का तापमान 46 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय हवा में नमी महज 25 फीसदी और शाम को 12 फीसदी रही।

पिछले कुछ दिनों से तापमापी का पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। 2 दिनों से तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है। भीषण गर्मी और लू के चलते प्रदेश में धान का सीजन शुरू होने से पहले ही बिजली की मांग तेजी से बढ़ने लगी है।

बुधवार को बिजली की मांग इस साल अब तक की सबसे अधिक 14,798 मेगावाट दर्ज की गई। अगर मौसम इसी तरह गर्म रहा तो धान का सीजन शुरू होते ही प्रदेश में बिजली की मांग 15,500 मेगावाट को पार कर जाएगी।

बुधवार को बिजली की मांग अधिक होने के कारण कई इलाकों में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। 22 मई को प्रदेश में बिजली की मांग 14,322 मेगावाट पहुंच गई थी जो इस साल अब तक की सबसे अधिक थी।

27 मई को बिजली की मांग 14,030 मेगावाट पहुंच गई थी। लेकिन, उसके बाद लगातार बिजली की मांग 14,000 मेगावाट से कम दर्ज की गई। मंगलवार को राज्य में बिजली की मांग 13,746 मेगावाट थी और एक ही दिन में बिजली की मांग में 1,052 मेगावाट का इजाफा हो गया।

बुधवार को राज्य में बिजली का उत्पादन करीब 6,000 मेगावाट रहा, जबकि बाकी बिजली सप्लाई के लिए केंद्रीय पूल से 87,00 मेगावाट से ज्यादा बिजली खरीदनी पड़ी। दोपहर 1 बजे तक बिजली की मांग ज्यादा रही, जबकि उसके बाद धीरे-धीरे बिजली की मांग कम होती गई।

दोपहर 3.30 बजे तक बिजली की मांग घटकर 11624 मेगावाट रह गई। पावरकॉम को दिनभर बिजली सप्लाई करने के लिए केंद्रीय पूल से शेड्यूल से कहीं ज्यादा बिजली खरीदनी पड़ी। उसके बाद भी सप्लाई पूरी नहीं हो पाई और लोगों को बिजली कटों का सामना करना पड़ा।