UNSC मीटिंग के दूसरे दिन एस जयशंकर ने आतंकियों के एरियल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग पर जाहिर की चिंता

संयुक्त राष्ट्र परिषद के देशों के बीच हो रही काउंटर टेरररिज्म कमेटी के सम्मेलन के दूसरे दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई देशों के प्रतिनिधियों के सामने आतंकियों के एरियल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग पर चिंता जाहिर की है।

उन्होंने कहा कि आतंकवादी मानवरहित एरियल प्लेटफॉर्म का इस्मेमाल कर रहे हैं जो कि पूरी दुनिया की सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बनी है। सीटीसी की यह बैठक 28 अक्टूबर से शुरू हुई थी। इस दौरान भारत ने मुंबई के 26/11 हमलों की को भी याद किया गया।

कार्यक्रम के दौरान एस जयशंकर ने कहा, ‘इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी संगठन की टूलकिट में महत्वपूर्ण उपकरण बनकर उभरे हैं।’ उन्होंने मानव रहित तकनीक के आतंकियों के हाथ में पहुंचने पर कहा, ‘आतंकवादियों, उनके साथियों और अकेले हमला करने वाले हमलावरों ने नयी टेक्नोलॉजी तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं।‘

जयशंकर ने बताया कि केवल भारत ही नहीं पूरे एशिया और अफ्रीका में भी आतंकवाद का खतरा बढ़ा रहा है यह संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दिखाया गया है। उन्होंने इस पूरे मामले में यूएन देशों को ठोस कदम उठाने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद भी आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘नई टेक्नोलॉजी सरकारों के लिए नई चुनौतियां पैदा करती हैं, क्योंकि असामाजिक तत्वों द्वारा इनका दुरुपयोग किए जाने का खतरा रहता है।’

एस जयशंकर ने आतंकवादियों से निपटना सबसे बड़ी प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से ही है। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।’