नोएडा के सेक्टर 93 में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर दोपहर ढाई बजे ढहा दिए गए। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर को गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा। ब्लास्ट से पहले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटाया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आज दोपहर 2:30 इस टावर को गिरा दिया गया। 13 साल में बनी दोनों इमारतें टूटने में सिर्फ 9 से 12 सेकेंड लगें। ट्विन टावर गिराने का जिम्मा एडिफाइस नाम की कंपनी को मिला था। ये काम प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता की निगरानी में हुआ।
वहीं, टावर गिराने में वाटरफॉल तकनीक इस्तेमाल किया गया। ये एक तरह का वेविंग इफेक्ट होता है, जैसे समंदर की लहरें चलती हैं।
Noida Twin Tower Demolition LIVE UPDATES…
- ट्विन टावरों के विध्वंस शुरू होने से पहले एनडीआरएफ की टीम अपने अंतिम चरण की तैयारी कर रही है। कैनाइन वॉरियर्स को भी लाया गया है।
- 10 साल की लड़ाई के बाद अगर जीत मिलती है तो उसका कितना आनंद आता है वो हर आदमी जानता है। हमने 2012 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। विध्वंस के दीर्घकालिक लाभ 3 महीने में दिखाई देंगे: ट्विन टावर्स के विध्वंस पर यू.बी.एस. तेवतिया, RWA अध्यक्ष, एमराल्ड कोर्ट और याचिकाकर्ता
- ट्विन टावरों के विध्वंस के क्षेत्र में तैनाती के लिए NDRF की टीम पहुंची। यहां पहले से 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम भी तैनात हैं।
- नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।
- ट्विन टावरों विध्वंस के बाद प्रदूषण स्तर की निगरानी के लिए विध्वंस स्थल पर स्पेशल डस्ट मशीन लगाई गई है।
- ब्लास्ट के लिए इमरजेंसी रूट बनाया है ताकि इमरजेंसी होने पर ग्रीन कॉरिडोर से ले जाया जा सके। सब कुछ सेट है तो कोई दिक्कतें नहीं आएंगी। सुरक्षा की पूरी व्यवस्था है। हमने पहले से ही डायवर्जन शेयर किया था इसलिए ट्रैफिक की भी कोई दिक्कत नहीं है: DCP ट्रैफिक,नोएडा
- ब्लास्ट के आधे घंटे बाद और धूल जमने के बाद इसे खोल दिया जाएगा। इंस्टेंट कमांड सेंटर में 7 सीसीटीवी कैमरे हैं : राजेश एस, DCP, सेंट्रल नोएडा
- लगभग 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग, 4 क्विक रिस्पांस टीम और NDRF की टीम तैनात है। ट्रैफिक डायवर्जन प्वाइंट सक्रिय हैं। विस्फोट से ठीक पहले दोपहर करीब 2.15 बजे एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा : राजेश एस, DCP, सेंट्रल नोएडा
ट्विन टावर विस्फोट से जुड़ी बड़ी बातें, जानिए…
- ट्विन टावर के पास 250 मीटर और कहीं-कहीं इससे भी ज्यादा दूरी का एक्सक्लूजन जोन बनाया गया है। इसमें सिर्फ 6 लोग रहेंगे।
- वहीं, टावर गिराए जाने के दौरान आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को अपनी छतों और बालकनी पर जाने की इजाजत नहीं है।
- टावर से 100 मीटर की दूरी पर सिर्फ 6 लोग ही रहेंगे। इसमें 3 फॉरेन एक्सपर्ट, 2 प्रोजेक्ट मैनेजर और एक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी रहेंगे।
- ट्विन टावर में जहां-जहां कॉलम में बारूद लगाया गया है, वहां जियोटेक्सटाइल कपड़ा लगाया है। इसमें फाइबर कंपोजिट होता है। अगर कोई चीज इससे टकराती है तो वह कपड़े को फाड़ती नहीं, बल्कि रिवर्स होती है।
- ट्विन टावर के ऊपर 10 किलोमीटर इलाके को नो-फ्लाई जोन बनाया गया है। आसपास की सड़कों पर आवाजाही बंद रहेगी। दोपहर 2 बजे काउंटडाउन शुरू होगा। 2.30 बजे एक रिमोट बटन दबाते ही दोनों टावर मलबे में बदल जाएंगे।
- ट्विन टावर को गिराने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल होगा। भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. टावर के आसपास करीब 1 किमी घेरा बनाकर तैनात रहेंगे।
- नोएडा स्थित ट्विन टावर के ब्लास्ट के समय स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी। एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।