प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की वार्ता 18 फरवरी को: मुख्यमंत्री भगवंत मान

प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र के बीच अगले दौर की वार्ता 18 फरवरी को: मुख्यमंत्री भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच अगले दौर की बैठक रविवार, 18 फरवरी को चंडीगढ़ में होगी। जबकि भारत बंद निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मनाया जाएगा।

बंद के आह्वान के कारण पंजाब में बस सेवाएं बंद रहेंगी, शिअद और एसजीपीसी ने भी बंद का समर्थन किया है और एसजीपीसी के सभी शिक्षा संस्थान और उसके कार्यालय शुक्रवार को बंद रहेंगे।

केंद्रीय मंत्रियों और किसानों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दौर की बैठक रविवार 18 फरवरी शाम को होगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बन गयी है और जल्द ही और भी महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान कर लिया जायेगा।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह पहले ही केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत के लिए बुला चुके हैं और यह मसला बातचीत से ही सुलझेगा। गुरुवार को हुई वार्ता में अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय समेत तीन केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया, जो बेनतीजा रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के संरक्षक के रूप में वह विरोध के कारण समाज के किसी भी वर्ग को नुकसान नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित की जायेगी।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को धमकाए नहीं जो शांतिपूर्वक अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे किसानों के वकील हैं और उन्होंने बैठक में सिर्फ इसलिए भाग लिया क्योंकि अन्न उत्पादक किसान ऐसा चाहते थे।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राज्य के सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 54 किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं और राज्य सरकार उनका मुफ्त इलाज कराएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के किसानों द्वारा उठाई जा रही मांगों का पूरा समर्थन करती है। उन्होंने दोहराया कि पंजाब को भारत से अलग करने के लिए हरियाणा के साथ राज्य की सीमाओं पर कंटीली बाड़ लगा दी गई है जो उचित नहीं है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रदेश के किसानों के साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार अनुचित एवं अवांछनीय है।